राज्यसभा सांसद सींचेवाल के प्रयास से पंजाब की बेटी की वतन वापसी ....
- इराक के नरक से वापसी – पीड़िता ने सुनाई दहशत भरी सच्चाई
- हर रोज़ सिर्फ़ एक बार खाना, मारपीट इतनी कि डंडे टूट जाते थे, 20 से ज़्यादा लड़कियां अभी भी वहां क़ैद में
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
खाड़ी देशों में पंजाबी लड़कियों के साथ हो रहा शोषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मोगा ज़िले की रहने वाली एक लड़की, जो हाल ही में इराक की नर्क जैसी ज़िंदगी काटकर वापस लौटी है, ने अपनी दिल दहला देने वाली कहानी सुनाई। निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुंचकर उसने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल का धन्यवाद किया, जिनके प्रयासों से वह सुरक्षित अपने परिवार के पास लौट सकी।
पीड़िता ने बताया कि जगराओं के एक ट्रैवल एजेंट ने गांवों में झूठे वादे कर गरीब घरों की लड़कियों को विदेश भेजने का जाल फैला रखा है। “अच्छी नौकरी” के सपने दिखाकर इन लड़कियों को इराक भेजा जाता है। पीड़िता के अनुसार वहां अभी भी 20 से 25 पंजाबी लड़कियां फँसी हुई है।
लड़की ने बताया कि वह 8 जनवरी 2024 को इराक के लिए रवाना हुई थी। पहले उसे दुबई ले जाया गया और वहां से इराक भेज दिया गया। ट्रैवल एजेंट ने वादा किया था कि उसे सिलाई का काम मिलेगा, हफ़्ते में छुट्टी होगी और परिवार से बात करने के लिए मोबाइल की सुविधा होगी — लेकिन वहां पहुंचने के बाद सच्चाई बिल्कुल उल्ट निकली।
उसे घरेलू नौकरानी बनाकर काम करने पर मजबूर किया गया। घर के मालिक ने उससे जबरन संबंध बनाने की कोशिश की। जब उसने विरोध किया और सबूत के तौर पर वीडियो बनाई, तो ट्रैवल एजेंट और उसकी पत्नी के कहने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। “एक दिन मुझे तब तक मारा गया जब तक डंडा टूट नहीं गया,” उसने कांपती आवाज़ में बताया। इस ज़ुल्म और हिंसा ने उसका मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया, जिसके चलते वह महीनों तक डिप्रेशन में रही।
आख़िरकार, उसने 10 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया के ज़रिए राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया। संत सीचेवाल ने तुरंत कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप वह 28 सितंबर को सुरक्षित पंजाब वापस लौट आई। वापसी के बाद भी वह पूरे महीने सदमे में रही। उसने कहा कि इराक में बिताए गए वो दिन वह कभी नहीं भूल सकती।
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि यह बेटी साहस की मिसाल है, जिसने अपने अधिकारों के लिए खुद लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसी अन्य लड़कियों को भी हिम्मत दिखानी चाहिए और अपनी आवाज़ उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जाल ग्रामीण क्षेत्रों में खतरनाक रूप से फैल चुका है और गरीब परिवारों की बेटियों को नरक की ओर धकेल रहा है। संत सीचेवाल ने सरकार से अपील की कि विदेशी रोज़गार के नाम पर चल रहे ऐसे ट्रैवल रैकेट्स पर तुरंत रोक लगाई जाए, क्योंकि अब तक जितनी भी लड़कियां वापस आई है, सभी ने बताया है कि वहां अभी और भी लड़कियाँ फंसी हुई हैं। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह रैकेट किस स्तर पर सक्रिय है, जिस पर अब रोक लगाना बेहद ज़रूरी है।
“यह मसला सिर्फ़ एक लड़की का नहीं है, बल्कि उन तमाम भारतीय बेटियों का है जो ऐसे एजेंटों के झूठे सपनों के जाल में फंसाकर खाड़ी देशों में अत्याचार झेल रही हैं।”









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