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संत सीचेवाल के प्रयासों से सऊदी जेल से युवक हुआ रिहा ....

- सवा तीन साल में कटी दस महीनों की सज़ा — लौटने की उम्मीद छोड़ चुका था युवक 

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

घर की रोटी-रोज़ी चलाने के सपनों के साथ सऊदी अरब गए कपूरथला ज़िले के युवक को अरब देश एक कंपनी ने झूठे चोरी के केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया था। जिसकी सवा तीन साल तक चली काली कोठरी की कैद के बाद आखिरकार वह राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल के प्रयासों से वह वतन वापस लौट आया है। 

सीचेवाल में बताया कि अक्षय कुमार (काल्पनिक नाम) ने बताया कि उसे आज तक यह नहीं पता चल सका कि आखिर उस पर किस वस्तु की चोरी का आरोप लगाया गया। उसने यह भी कहा कि सऊदी अरब की जेलों में उसकी तरह कई भारतीय युवक झूठे आरोपों के कारण सालों से कैद की सज़ा भुगत रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि जब उसे सज़ा पूरी होने के बाद भी दो साल तक जेल में रखा गया, तो उसने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी जेल की ऊंची दीवारों के पार की ज़िंदगी देख सकेगा। 

पीड़ित अक्षय की पत्नी को तो आठ महीनों तक यह भी नहीं पता था कि उसका पति कहां है। उसने बताया कि उसका पति अक्षय कई सालों से सऊदी अरब में ड्राइवर का काम कर रहा था। साल 2022 के दौरान वह दो महीने की छुट्टी पर घर आया था, लेकिन सऊदी लौटने के बाद आठ महीनों तक कोई संपर्क नहीं हो पाया। बाद में 25 अगस्त 2023 को उसने संत सीचेवाल के कार्यालय से संपर्क किया, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और पता चला कि अक्षय कुमार को चोरी के मामले में दस महीने की सज़ा दी गई है। 

उसकी पत्नी ने बताया कि सज़ा पूरी होने के बावजूद भी कंपनी की ओर से रिहाई के बदले 31 हज़ार रियाल (लगभग सवा सात लाख रुपये) की मांग की गई, जो परिवार के सामर्थ्य से बाहर थी। आर्थिक तंगी के कारण परिवार बेहद कठिन परिस्थितियों में जी रहा था और बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित हो गई थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा संत सीचेवाल से मदद की गुहार लगाई, जिनके प्रयासों से बिना एक पैसा दिए उसका पति सही-सलामत भारत लौट आया। 

संत सीचेवाल ने कहा कि अरब देशों की कई कंपनियां लगातार भारतीय मज़दूरों का शोषण कर रही हैं। झूठे चोरी के मामलों में फंसा कर निर्दोष मज़दूरों को सज़ा दे दी जाती है क्योंकि ऐसे मामलों का निपटारा जल्दी हो जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे शोषण को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है, ताकि विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को न्याय मिल सके। गौरतलब है कि चोरी के आरोप में विदेश में सज़ा काट रहे लोगों के सबसे ज़्यादा मामले उनके पास आते हैं, और कुछ महीने पहले उन्होंने इसी तरह एक और भारतीय की सुरक्षित वापसी भी करवाई थी। 

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