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कपूरथला शहर को पवित्र शहर घोषित करने की CM पंजाब से मांग ...

- 9 शक्तिपीठो से ज्योति सवरूपो के आगमन उपरांत 2027 में होगा विशाल धार्मिक आयोजन -- कालिया 

 खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

कपूरथला शहर में वर्ष 2027 में होने वाले श्री दुर्गा स्तुति पाठो के विशाल आयोजन के चलते पंजाब सरकार से कपूरथला को पवित्र शहर घोषित किए जाने मांग की गई है। यह मांग शिवसेना उद्धव बाला साहिब ठाकरे के प्रदेश प्रवक्ता ओमकार कालिया ने की है। और उन्होंने कहा कि श्री दुर्गा स्तुति पाठ के समय सारा शहर एक धार्मिक स्थान जैसे तब्दील हो जाता है। और हर तरफ माँ के जयकारो की गूंज सुनने को मिलती है। ऐसे में पंजाब सरकार दवारा कपूरथला के ऐतिहासिक धार्मिक स्थानो की महत्वता देखते हुए पवित्र शहर घोषित किया जान चाहिए।  

कालिया ने कहा कि 2027 में मां भगवती के शक्तिपीठो से नवम नवज्योति सवरूपो के आगमन से पहले कपूरथला शहर तेयारिया की जा रही है। कालिया ने कहा कि यह ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी,जहाँ श्री सत्यनारायण मंदिर कमेटी के द्वारा पूरी श्रद्धा भावना से धार्मिक समागमों का आयोजन कर लोगो को धर्म के मार्ग से जोड़ने के कार्य समय-समय पर किए जाते है। माँ चिंतपूर्णी की अखंड ज्योति सवरूप मंदिर परिसर में विरजमान होने से श्री सत्य नारायण मंदिर भी एक शक्तिपीठ बन चूका है। यहां लाखो लोगो की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। 

बता दे कि शहर में ऐतिहासिक स्टेट गुरुद्वारा साहिब, श्री हनुमान मंदिर, प्रचीन रानी साहिबा मंदिर, प्रचीन पंच मंदिर, मोरिस मस्जिद, माता भद्रकाली मंदिर शेखूपुर, प्रचीन शिव मंदिर कचहरी चौंक, प्रचीन शिव मंदिर ब्रह्मकुंड, लक्ष्मी नारायण मंदिर, प्रचीन शनि देव मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर बाईपास सहित और कई धार्मिक स्थल है। इसी कारण कपूरथला शहर न केवल एक धर्म का आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि इसकी धरती ने सभी धर्मों के बीच सम्मान और भाईचारे का संदेश भी दिया है। 

पंजाब सरकार द्वारा श्री अमृतसर साहिब, श्री आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो को पहले ही पवित्र शहर घोषित किया जा चुका है। उन्होंने CM भगवंत मान को एक पत्र लिख कर मांग की है कि इसी क्रम में कपूरथला को भी पवित्र शहर घोषित किया जाये।

गौरतलब है कि किसी शहर को पवित्र शहर घोषित करने से शहर में शराब, मांस, तंबाकू और नशीली चीज़ों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। उससे शहर की महत्वता बढ़ती है। जैसे हाल ही में पंजाब सरकार ने अमृतसर (स्वर्ण मंदिर के आसपास), आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो के लिए किया है, ताकि भक्तो में धार्मिक भावनाओं और शांति को बनाए रखा जा सके। यह घोषणा उस क्षेत्र की धार्मिक पवित्रता को बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। 

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