कपूरथला में दरिया ब्यास में जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों एकड़ फसल डूबी ....
- 12 से ज्यादा गांवों की धान-सब्जियों की खेती तबाह, किसान परेशान
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बरसात से डैम में जलस्तर बढ़ने का असर मैदानी इलाकों पर पड़ने लगा है। डैम में जमा बारिश पानी छोड़े जाने से जहां दरिया ब्यास में जलस्तर उफान पर पहुंच गया है, वहीं सब-डिवीजन भुलत्थ क्षेत्र की कई एकड़ फसल पानी में डूब गई है। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
इससे मंड हबीबवाल टांडी, रायपुर अराईयां, दाऊदपुर, मिर्जापुर, चक्कोकी मंड, बुताला, ढिलवां और अन्य क्षेत्रों में धान व सब्जियों की खेती करने वाले कई किसानों की हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई है। किसानों का कहना है कि पानी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, जिसके चलते वहां रहने वाले गुर्जर अपने मवेशियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं और सड़कों पर आशियाना बना रहे हैं। काबिले गौर हो कि 10 दिन पहले भी उक्त मंड क्षेत्रों में पानी आने से लोगों की फसलें खराब हो गई थीं और अब भी मंड क्षेत्र के दर्जनों गांव इस पानी से प्रभावित हैं।
- इन किसानों की फसल चढ़ी दरिया की भेंट .....
जानकारी के अनुसार रणधीर सिंह की 35 एकड़ धान, नंबरदार मलकीत सिंह की 15 एकड़, परमजीत सिंह की 15 एकड़, रणजीत सिंह की 15 एकड़, सुखविंदर सिंह की 15 एकड़, बाबा हरदीप सिंह की 12, मनजीत कौर की 15 एकड़, निशान सिंह की 10 एकड़, कुलतार पवित्र सिंह की 9 एकड़, वरिंदर सिंह, आसिफ अली, शाह अली, अहसान अली, जलाउद्दीन सभी निवासी चक्कोकी, खुशदीप खैरा, रायपुर, रईयां मंड व अन्य किसानों की हजारों एकड़ धान, मक्का, गन्ना व अन्य फसलें जल में समा गई हैं। पीड़ित किसानों ने मांग की है कि उन्हें नुकसान का मुआवजा दिया जाए। चक्कोकी के सरपंच जगतार सिंह हैप्पी खादर और अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि दरिया पार से ब्यास के नेचुरल बहाव से छेड़छाड़ करके मंड एरिया की तरफ कटाव किया जा रहा है। जिससे हर साल मंड एरिया दरिया ब्यास की भेंट चढ़ता है।
-ब्यास में बह रहा 76 हजार क्यूसेक पानी --- एसडीओ
इस संबंध में कपूरथला ड्रेनेज विभाग के एसडीओ कपूरथला खुशमिंदर सिंह ने बताया कि चक्की और मीरथल में फ्लैश-फल्ड होने के कारण इस समय दरिया ब्यास में 76 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। तीन अगस्त की शाम से पानी कम होने शुरू हो जाएगा। अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि और पानी छोड़ा जाएगा या नहीं। उन्होंने लोगों से अपील की कि घबराने की जरूरत नहीं है, पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।
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