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कपूरथला जिले में 54 नशा पीड़ितों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा से जोड़ा ...

- स्किल इंडिया मंत्रालय ने जारी किए सर्टिफिकेट  

- नशा मुक्ति केंद्र कपूरथला में 40 और बेड बढ़ाए 

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला   

पंजाब सरकार की “युद्ध नशे विरुद्ध ” मुहिम के तहत जिला प्रशासन द्वारा नशा पीड़ितों के पुनर्वास के प्रयासों को गति मिलनी शुरू हो गई है। कपूरथला के सिविल अस्पताल में स्थित नवजीवन केंद्र में नशा छोड़ने के लिए भर्ती हुए युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार स्थापित करने में सहायता करने के उद्देश्य से शुरू किए गए फास्ट फूड बनाने के प्रशिक्षण कोर्स को 54 पीड़ितों ने सफलतापूर्वक पूरा किया है।  

DC अमित कुमार पांचाल द्वारा पिछले महीने 16 जून को कपूरथला के सिविल अस्पताल में स्थित नवजीवन केंद्र और 20 जून को सरकारी पुनर्वास केंद्र फगवाड़ा में इस अनूठे कार्य की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत R-SETI और जिला रोजगार ब्यूरो द्वारा नशा छुड़ाऊ केंद्र में भर्ती युवाओं के लिए एक महीने का फास्टफूड बनाने का प्रशिक्षण शुरू किया गया था। 

रोजगार ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों ने पूरी रुचि के साथ बर्गर, सैंडविच, मोमोज, आचार, चटनी, पिज्जा, समोसा, स्प्रिंग रोल आदि बनाने का प्रशिक्षण पूरा किया, जिसके बाद भारत सरकार के स्किल इंडिया मंत्रालय और पंजाब नेशनल बैंक की संस्था आर सेटी  द्वारा सर्टिफ़िकेट जारी किए गए। 

अधिकारियों ने बताया कि नशा छोड़कर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को रोजगार स्थापना के लिए हर तरह से मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं और उनके परिवारों के साथ संपर्क बनाए रखा गया है ताकि वह समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर प्रगति में योगदान दे सकें। 

प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। नशा पीड़ितों के परिवार इलाज के लिए पीड़ितों को सरकारी नशा छुड़ाऊ केंद्रों में भर्ती करवा रहे हैं। कपूरथला में नशा छुड़ाऊ केंद्र में 40 और बेडों का इजाफा किया गया है। जिससे कपूरथला के नवजीवन केंद्र में बेडों की संख्या 70 हो गई है। इसके अलावा, फगवाड़ा के सिविल अस्पताल में भी नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 20 बेडों की व्यवस्था है। 

DC अमित कुमार पांचाल ने नशा पीड़ितों और उनके माता-पिता से अपील की है कि वह पंजाब सरकार द्वारा नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत इलाज केंद्रों में भर्ती होकर नई जिंदगी शुरू करें। DC ने यह भी बताया कि रोजगार ब्यूरो और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नशा छुड़ाऊ केंद्र में भर्ती युवाओं की शिक्षा और कौशल के अनुसार प्रशिक्षण कोर्सों का दायरा बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा नशा छोड़ चुके युवाओं को रोजगार स्थापना में पूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी।  

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