RCF में OPS के लिए संघर्ष --- हर हाल में OPS बहाल करवा कर रहेंगे -- अमरीक सिंह
- UPS का समर्थन करने वालों व पुरानी पेंशन के गुनहगारों से सवाल करना हमारा अधिकार -- भरत राज
- रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने किया कर्मचारियों के साथ विश्वासघात -- RCFEU
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के विरोध में RCFEU द्वारा वर्कर क्लब में जनरल काउंसिल मीटिंग की हुई, जिसमे RCF के सैकड़ो कर्मचारिओ ने शामिल होकर एनपीएस, यूपीएस के विरोध में अपनी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि जो भी कोई कर्मचारी या नेता, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के समर्थन में प्रचार-प्रसार करेगा हम उसका खुलकर विरोध करेंगे। तथा तमाम तरह के जो यूपीएस में सवाल है वह उनके समक्ष रखे जाएंगे।
बता दे कि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों (AIRF एवं NFIR) की मिलीभगत से सरकार की कैबिनेट ने 24 अगस्त को UPS कर्मचारी पर ठोकने का कार्य किया। जिसे बड़ी ही बेशर्मी के साथ रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन ने बड़ी ऐतिहासिक जीत बताया। RCFEU ने इसे कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात बताया है।
इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन ने दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की समझौतावादी नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों फेडरेशनों ने कर्मचारियों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है, जिसके चलते रेलवे के कर्मचारी एआईआरएफ एवं एनएफआईआर के खिलाफ भारी रोष में है। वहीँ उनका कहना है कि आगामी मान्यता के होने वाले चुनाव में हम इनको सबक सिखाएंगे। दोनों समझौतावादी संगठन इसका नतीजा भुगताने के लिए तैयार रहे।
जनरल मीटिंग में बोलते हुए फ्रंट अगेंस्ट NPS इन रेलवे के राष्ट्रीय अध्यक्ष व NMOPS के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि अपने आप को कर्मचारियों के सबसे बड़े नेता कहलाने वाले रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों द्वारा सरकार के साथ मिलीभगत कर पुरानी पेंशन बहाली की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आए हैं जो देश भर के लगभग एक करोड़ कर्मचारियों को कतई मंजूर नहीं है।
उन्होंने रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों एआईआरएफ वी एनएफआईआर पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दोनों फेडरेशन भारत सरकार की मजदूर, कर्मचारी व देश विरोधी नीतियों को लागू करवाने के लिए कार्य कर रही हैं, चाहे विवेक देवराय की अध्यक्षता वाली रेलवे रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी हो या रतन टाटा की अध्यक्षता वाली रेलवे कायाकल्प कमेटी हो जिसमें रेलवे का अलग बजट खत्म करने, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकरण के नाम पर निजीकरण करने, रेलवे गाड़ियों के संचालन के नाम पर उनका प्राइवेटाइजेशन करने, रेलवे के बहुत सारे टेक्निकल व मैकेनिक कार्य को ऑफ लोडिंग करने इत्यादि कार्यों में इन कमेटियों के साथ-साथ रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
RCFEU के संगठन सचिव व फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के राष्ट्रीय अतिरिक्त सचिव भरत राज ने UPS पर बात करते हुए कि जो पहले NPS का फायदा बताते थे, उसका गुणगान करते थे, अब वही UPS लेकर आए हैं और पुरी रेलवे में उसका गुणगान कर रहे हैं!
इन्होंने हमारे शामियाने उजाड़ कर, खुद के महल बनाये हैं और अब हमें सड़क पर रहने की नसीहत देने आ रहे हैं, जिसे हमारे जागरूक रेल कर्मचारी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे, जैसे यूपीएस को शिवगोपाल मिश्रा कर्मचारियों को दिया सबसे बड़ा तोहफा बता रहे हैं।
उसके संबंध में कर्मचारियों के बहुत गहरे सवाल कल 09 अक्टूबर को शिव गोपाल मिश्रा से किए जाएंगे तथा शिवगोपाल मिश्रा व उनकी टीम को चुनौती दी गई है कि वह हमारे सवालों से रूबरू होकर इनका जवाब दें। भरत राज ने कहा कि शिवगोपाल मिश्रा वह उनकी टीम द्वारा NPS को लागू करवाना NPS के ट्रस्टी बन जाना, NPS को बढ़िया बताना और 20 वर्ष बाद में संघर्ष की नौटंकी करना?
01 अक्टूबर 2023 को हुई ऐतिहासिक रैली में ज्वाइंट फोरम का समर्थन नहीं देना, यूपीएस को ओपीएस से अच्छी स्कीम बताना, यूपीएस में ओपीएस वाले सभी लाभ शामिल कर दिए गए बताना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के विरोध में कर्मचारियों में आंदोलन की भावना नहीं है कहना, इत्यादि बहुत सारे सवाल है जो हम कर्मचारियों को इन पेंशन के सौदागरों को जनता की अदालत में खड़ा करने के लिए विवश कर रहे हैं।
मंच का संचालन करते हुए अरविंद कुमार ने कहा कि अगर हमने NPS, UPS के खिलाफ संघर्ष न किया होता तो शायद हम अपनी आने वाली पीढियां को मुंह दिखाने के काबिल ना रहते, अब वक्त है गर्म लोहे पर चोट मारने की, क्योंकि पहले वर्ष 2004 वह अब वर्ष 2024 में रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने कर्मचारियों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है, रेलवे के आने वाले चुनावो में कर्मचारियों के पास मौका है की जिन्होंने उनका भविष्य, उनका बुढ़ापा, उनके बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने का कार्य किया है उन्हें सबक सिखाया जाए।
जनरल मीटिंग को सफल बनाने के लिए RCF के सैकड़ो कर्मचारियों के साथ IRTSA इत्यादि संगठनों ने शमुलियत कर भरपूर योगदान निभाया, संगठन के पदाधिकारी अमरीक सिंह, दर्शन लाल, मनजीत सिंह बाजवा, बचितर सिंह, नरिंदर कुमार, शरणजीत सिंह, प्रदीप सिंह, तरलोचन सिंह, अरविन्द कुमार शाह, जगदीप सिंह, अनिल कुमार, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, बलजिंदर सिंह, चंद्रभान, राजिंदर कुमार, साकेत कुमार यादव, सुभाष कुमार, प्रवीण कुमार, रामदास, संजीव कुमार, हरपाल सिंह, निर्मल सिंह, सुमन सौरव, संदीप कुमार, मनोहर लाल सहित यूनियन के कार्यकर्ता शामिल हुए।
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