RCF में मजदूरो के अधिकारों की रक्षा के लिए 'महा-गर्जना' .....
- लेबर कोड के खिलाफ RCFEU का ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला के रेल कोच फैक्ट्री परिसर में डॉ भीमराव अंबेडकर चौक पर आज RCFEU द्वारा केंद्र सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक विशाल और अभूतपूर्व धरना-प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन की मुख्य धुरी केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 4 श्रम कोड (Labour Codes) रहे, जिन्हें कर्मचारियों ने अपने अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया। प्रदर्शन में RCF के सैकड़ों नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ फैक्ट्री में कार्यरत कॉन्ट्रैक्ट लेबर ने भी भारी संख्या में शामिल होकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया।
मंच का सफल संचालन करते हुए यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष मनजीत सिंह बाजवा ने अपनी प्रखर वाणी से कर्मचारियों में जोश का संचार किया और सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया गया।
यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की नीतियों को "जनविरोधी और कॉरपोरेट-परस्त" करार देते हुए तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "सरकार केवल श्रम कानूनों में ही बदलाव नहीं कर रही, बल्कि बिजली संशोधन बिल, बीमा संशोधन बिल और बीज संशोधन बिल जैसे काले कानूनों के जरिए आम नागरिक और किसानों की कमर तोड़ने की तैयारी कर चुकी है। बिजली संशोधन बिल के लागू होने से न केवल बिजली निजी हाथों में चली जाएगी, बल्कि आम आदमी के लिए रोशनी भी महंगी हो जाएगी। इसी प्रकार बीमा और बीज संशोधन बिलों का एकमात्र उद्देश्य किसानों और मध्यम वर्ग को बड़ी कंपनियों का गुलाम बनाना है।"
उन्होंने राजस्थान के हनुमानगढ़ (टिब्बी क्षेत्र) का मुद्दा उठाते हुए कड़े शब्दों में कहा, "हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री लगाने का विरोध कर रहे किसानों की मांग पूरी तरह जायज है, क्योंकि यह फैक्ट्री वहां के पर्यावरण और जल स्तर को बर्बाद कर देगी। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस द्वारा आधी रात को जबरन गिरफ्तार करना और उन पर लाठीचार्ज करना सरकार की कायरता को दर्शाता है। आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन मांग करती है कि गिरफ्तार किसानों को बिना शर्त तुरंत रिहा किया जाए और जनता की मर्जी के खिलाफ थोपी जा रही एथेनॉल फैक्ट्री परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए। किसान और मजदूर एक हैं, और हम किसानों के दमन को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
यूनियन के महासचिव सर्वजीत सिंह ने अपने वक्तव्य में चार श्रम कोड को 'गुलामी का नया दस्तावेज' बताया। उन्होंने कहा, "इन चार लेबर कोड के लागू होने से मजदूरों द्वारा पिछले 100 वर्षों में संघर्ष करके जीते गए अधिकार एक झटके में खत्म हो जाएंगे। सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के नाम पर मजदूरों को 'ईज ऑफ एक्सप्लोइटेशन' (शोषण की आजादी) की ओर ले जा रही है। काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करना, बिना किसी ठोस कारण के छंटनी का अधिकार कंपनियों को देना और यूनियन बनाने के संवैधानिक अधिकार को सीमित करना सरासर तानाशाही है।"
सर्वजीत सिंह ने आगे कहा, "यह लड़ाई केवल नियमित कर्मचारियों की नहीं है, बल्कि हमारे उन हजारों ठेका श्रमिक भाइयों की भी है जिनका न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा इन कानूनों के बाद पूरी तरह खत्म हो जाएगी। सरकार सुन ले, रेल कोच फैक्ट्री का उत्पादन मजदूर के पसीने से होता है, और अगर हमारे अधिकारों पर चोट की गई, तो हम चक्का जाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। जब तक ये चारों लेबर कोड वापस नहीं लिए जाते और पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल नहीं की जाती, हमारा यह आंदोलन दिल्ली की सत्ता को हिलाता रहेगा।"
चेयरमैन दर्शनलाल और सरपरस्त परमजीत सिंह खालसा ने भी अपने संबोधन में एकजुटता पर जोर देते हुए सरकार को चेताया कि यह आंदोलन अभी केवल शुरुआत है। सरकार अगर इस कानून को जल्द से जल्द रद्द नहीं करती है तो देश के किसान, मजदूर व कर्मचारी इस आंदोलन को और भी तीव्र गति देगी।
धरना प्रदर्शन के समापन पर यूनियन का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आरसीएफ के कर्मचारियों के साथ मिलकर RCF के महाप्रबंधक प्रशांत कुमार मिश्रा से मिला। पदाधिकारियों ने माननीय प्रधानमंत्री के नाम एक विस्तृत मांग पत्र (ज्ञापन) जीएम को सौंपा। महाप्रबंधक ने यूनियन की मांगों को उचित माध्यम से सरकार तक पहुँचाने का भरोसा दिलाया।
इस धरना प्रदर्शन में ओबीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद, एस सी एंड एसटी एसोसिएशन के अध्यक्ष जीत सिंह, इंजीनियरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव जगदीश सिंह और बक्शीश सिंह अपने-अपने टीम के साथ शामिल हुए । इसमें खास तौर पर बहु गिनती में महिला कर्मचारी ( नारीश्क्ति) शामिल हुए जिसमें इंद्रजीत कौर, रविंदर कौर, कुलजीत कौर,( कार्मिक विभाग), चरनप्रीत कौर, मनप्रीत कौर पड़ा, रीत, प्रियंका, रीना, राजविन्दर कौर, नीतू बलिया, कुलजीत कौर (इलेक्ट्रिकल), आरती, कंचन, कुलविंदर कौर, रजनी और बहुत सारी महिला कर्मचारी शामिल थे।
इसके अलावा यूनियन के संयुक्त सचिव जसपाल सिंह शेखो, संगठन सचिव भारत राज, कैशियर हरविंदर पाल, नरेंद्र कुमार, विचित्र सिंह, प्रदीप कुमार, तलविंदर सिंह, त्रिलोचन सिंह, अरविंद कुमार साह, बलदेव राज, जगदीप सिंह, अवतार सिंह, हरप्रीत, अश्विनी, अनिल, अवतार सिंह गिल, बलजिंदर पाल, गुरविंदर सिंह, साकेत, शिवराम मीणा, निर्मल सिंह गिल, गुरजीत कलसी, रणवीर सिंह, मनदीप सिंह, मेघनाथ, गुरप्रीत सिंह, जगजीत सिंह, रजिन्दर, वरिंदर, मक्खन, हरि ओम, नवीन, अमित राठी, हरजिंदर हैरी, पवन, प्रीतम, गुरचरण सिंह, प्रवीण सोनी, राजेश मीणा, मेनपाल, योगेश, संजीव, संजय, पंकज कुमार सिंह, रविंद्र, हरपाल, मुकेश, राम मोहन, हरप्रीत सभरवाल, रिंकू, मिंटू, पम्मा, रमनदीप सिंह, बलजीत, जितेंद्र, परमिंदर, अमित, संदीप कुमार, चंद्रभान, भान सिंह, रघुवीर सिंह, मन्नू, कुंदन, प्रशांत आदि शामिल थे।



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