उत्तराखंड के गवर्नर पहुंचे सैनिक स्कूल -- बोले, “भारत को विश्व गुरु बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती” ....
- छात्रों से साझा कीं जीवन की प्रेरणादायक यादें
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला के सैनिक स्कूल के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के गवर्नर लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने शिरकत की। इस अवसर पर स्कूल परिसर में विशेष उत्साह का माहौल देखने को मिला। समारोह में स्कूल के विद्यार्थियों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और अभिभावकों की बड़ी संख्या मौजूद रही। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके बाद विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
गवर्नर लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि सैनिक स्कूल का भ्रमण करते समय उनकी पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। उन्होंने बताया कि उनका जीवन भी सैनिक स्कूल से ही आकार लिया है और यही संस्थान उनके व्यक्तित्व निर्माण की नींव बना। उन्होंने स्कूल की इमारत, खेल मैदान, छात्रावास और अन्य आधारभूत ढांचे का गहन निरीक्षण किया और कहा कि सैनिक स्कूलों की भूमिका देश के भविष्य को मजबूत बनाने में बेहद अहम है।
गवर्नर ने कहा कि वह सैनिक स्कूल के आधारभूत ढांचे को और बेहतर बनाने के लिए जल्द ही पंजाब के गवर्नर, पंजाब के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री से मुलाकात कर इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि विद्यार्थियों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।
- गवर्नर का प्रेरणादायक संदेश ...
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने कहा कि “जिस तरह की प्रतिभा मैंने आज के विद्यार्थियों और नौजवानों में देखी है, उसे देखकर पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में भारत को विश्व गुरु बनने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। हमारे युवाओं में नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई है।”
उन्होंने विद्यार्थियों से मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी को जीवन का मूल मंत्र बनाने की अपील की और कहा कि सैनिक स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण की प्रयोगशाला हैं।
गवर्नर ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण ही स्वस्थ भविष्य की नींव है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे प्लास्टिक के उपयोग से बचें, अधिक से अधिक पौधे लगाएं और प्रकृति को सुरक्षित रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
सैनिक स्कूल से जुड़ीं गवर्नर की पुरानी यादें ....
लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह ने अपने जीवन के संघर्ष और सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि उनके परिवार ने उन्हें लक्ष्य दिया था कि वह सेना में भर्ती होकर कैप्टन बनें। इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने सैनिक स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल के अनुशासन, शिक्षकों के मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी।
उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि मेहनत, विश्वास और ईश्वर की अरदासों के बल पर उन्होंने अपने परिवार का सपना पूरा किया और सेना में कैप्टन बने।
“मेरे परिवार ने मुझे सेना में जाने के लिए प्रेरित किया। सैनिक स्कूल ने मुझे अनुशासन और आत्मविश्वास दिया, और मेरी मेहनत व अरदासों ने मेरे सपनों को साकार किया।”
समारोह के अंत में स्कूल प्रशासन द्वारा गवर्नर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। गवर्नर ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सैनिक स्कूल से निकले छात्र देश की सेवा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते रहेंगे।





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