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RCF में सैकड़ों ठेकाकर्मिओ का सुरक्षा के नाम पर किया जा रहा उत्पीड़न ....

- आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन की ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने की मांग  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला   

कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री में आरपीएफ द्वारा सैकड़ों ठेका कर्मियों को पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट न होने के नाम पर वर्कशॉप में प्रवेश करने से रोक दिया गया। जिससे वर्कशॉप के मुख्य गेट पर कर्मिओ का भारी जमावड़ा लग गया। वहीँ आरसीएफ एंप्लाइज यूनियन के महासचिव सर्वजीत सिंह और सरपरस्त परमजीत सिंह खालसा ने प्रशासन के इस तानाशाही कदम की कड़ी निंदा की। 

यूनियन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आरसीएफ प्रशासन, ठेकेदारों या पुलिस प्रशासन का सीधा फेलियर है, न कि मेहनतकश मजदूरों का, कई कर्मियों ने बताया कि उन्होंने वेरिफिकेशन करवाकर ठेकेदार को सौंप दी थी। जबकि कुछ ने सर्टिफिकेट जारी होने में पुलिस प्रशासन की देरी बताई। 

यूनियन ने सवाल खड़ा किया कि जब कर्मचारियों ने अपना दायित्व पूरा किया है, तो उन्हें बगैर पूर्व सूचना दिए उस गुनाह की सज़ा क्यों दी जा रही है। जो उन्होंने किया ही नहीं ? इस घटना से कर्मियों और उनके परिवारों के आर्थिक, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न में वृद्धि हुई है।

यूनियन नेताओं ने ठेकेदारों के खुलेआम शोषण को उजागर करते हुए बताया कि लगभग सभी कर्मियों को न तो समय पर वेतन मिल रहा है। और न ही सरकारी न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है। और कुछ ठेकेदार तो बैंक खाते में पूरा वेतन डालकर कर्मचारियों से तीन से चार हजार रुपए जबरन वापस वसूल लेते हैं। सबसे गंभीर बात तो यह है कि ग्रुप-1, ग्रुप-2, ग्रुप-3 और ट्रांसपोर्ट शॉप सहित कई प्रमुख ठेकेदार लगभग एक वर्ष से कर्मचारियों का EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) एवं ESI (कर्मचारी राज्य बीमा) भी जमा नहीं करवा रहे हैं। जिससे हजारों परिवारों की सामाजिक सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं दांव पर लगी हैं।  

आरसीएफ एम्प्लॉइज यूनियन (RCFEU) ने प्रशासन को दो टूक कहा कि समस्या को उलझाने की बजाय, टेंडर की शर्तों का घोर उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों के ठेके तुरंत बर्खास्त कर उन्हें रेलवे से ब्लैक लिस्ट किया जाए। यूनियन ने मांग की है कि कर्मचारियों को समय पर और पूरा वेतन मिलना सुनिश्चित किया जाए तथा EPF और ESI खातों में तुरंत पैसा जमा करवाया जाए। 

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