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कपूरथला में श्री गुरू तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित नगरकीर्तन का भव्य स्वागत .....

- हजारों संगतों ने नगर कीर्तन में शामिल होकर गुरू साहिब का लिया आशीर्वाद 

- राज्यसभा सदस्य संत सींचेवाल, DC पांचाल, सज्जन चीमा ने भी की शिरकत  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला   

पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरू तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के संबंध में आयोजित समागमों की श्रृंखला के तहत शहीदी दिवस को समर्पित नगर कीर्तन, जो गुरदासपुर से रवाना हुआ था, आज ब्यास दरिया पर गोइंदवाल के पुल के रास्ते कपूरथला जिले में प्रवेश किया। पुल पर राज्य सभा सदस्य संत बाबा बलबीर सिंह सींचेवाल, DC अमित कुमार पंचाल, SSP गौरव तूरा तथा हल्का इंचार्ज सज्जन सिंह चीमा और बड़ी संख्या में संगतों ने नगर कीर्तन का स्वागत करते हुए माथा टेक कर गुरू जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। 

इस मौके संत सींचेवाल, DC, SSP तथा हल्का इंचार्ज सज्जन चीमा द्वारा रुमाला साहिब भेंट किया और पांच प्यारों और ग्रंथी सिंहों को सिरोपा साहिब भेंट किए गए। 

बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थियों ने बैंड बजाकर नगर कीर्तन का स्वागत किया तथा गोइंदवाल पुल को अत्यंत सुंदर ढंग से सजाया गया था। इसके अलावा संगत द्वारा मुंडी मोड़ पर लंगर का प्रबंध करने के साथ-साथ गांव उच्छा, परवेज नगर और अन्य स्थानों पर भी संगत ने नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया। 

इस अवसर पर संगत के साथ विचार साझा करते हुए राज्य सभा सदस्य संत सींचेवाल ने कहा कि “श्री गुरू तेग बहादुर जी का बलिदान केवल किसी एक कौम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए शहादत और धर्म-निरपेक्षता की अनुपम मिसाल है।”  

उन्होंने कहा कि गुरू साहिब और उनके सिखों ने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जब कश्मीरी पंडितों ने गुरू घर का दरवाजा खटखटाया था, तब गुरू तेग बहादुर जी ने मानवता की रक्षा के लिए अपना सिर कुर्बान करने का फैसला किया।  

हल्का इंचार्ज सज्जन सिंह चीमा ने कहा कि CM पंजाब भगवंत मान के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार द्वारा नौवें पातशाह श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी की लासानी शहादत, सत्य के मार्ग पर चलने के सिद्धांत और धार्मिक स्वतंत्रता के संदेश को समूची मानवता तक पहुंचाया जा रहा है। 

इस मौके डिप्टी कमिश्नर ने लोगों को गुरू साहिब के जीवन और दर्शन से प्रेरणा लेते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरू तेग बहादुर जी की लासानी शहादत हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।  

उन्होंने गुरू साहिब सहित उनके तीन अनन्य सिखों भाई सती दास जी, भाई मती दास जी तथा भाई दयाला जी की शहादत को याद करते हुए कहा कि जुल्म और धर्म-परिवर्तन के खिलाफ उन्होंने एक अटल चट्टान की तरह डटकर दिखाया कि सिख धर्म के नायक किसी एक धर्म के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए लड़ते है। 

इसके अलावा कपूरथला शहर में बस अड्डे के पास शहर की संगत द्वारा नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया। हल्का इंचार्ज चंदी ने श्री गुरू तेग बहादुर जी की मानवता एवं धर्म के लिए की गई कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि दिल्ली के चांदनी चौक में गुरू जी ने धर्म की रक्षा के लिए शहादत प्राप्त की। उन्होंने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी का बलिदान अत्याचार के खिलाफ तथा मानवीय अधिकारों के पक्ष में डटकर खड़े होने का संदेश देता है। 

इस मौके शहर की संगत ने बड़ी संख्या में नगर कीर्तन में शिरकत करते हुए गुरू साहिब को श्रद्धा के फूल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संगत ने नगर कीर्तन पर फूलों की वर्षा की तथा यहां से यह नगर कीर्तन आगे बढ़ता हुआ करतारपुर से जिला जालंधर में प्रवेश कर गया। यह नगर कीर्तन 22 नवंबर को फगवाड़ा होते हुए श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होगा।

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