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संत सीचेवाल के प्रयास से मलेशिया से युवक की वतन वापसी ...

 - 7-8 महीनों से परिवार से टूटा हुआ था संपर्क, जेल में सालों से फंसे कई पंजाबी युवकों की पैरवी करने वाला कोई नहीं  

- कई तो अपना नाम-पता तक भूल चुके हैं -- दलजीत  

- जेल के छोटे कमरे में 70–80 कैदियों को ठूंसकर रखा जाता था, सांस लेना भी मुश्किल   

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

संत सीचेवाल के प्रयास से मलेशिया में फंसा पंजाब का एक युवक सुरक्षित वतन लौट आया है। जालंधर ज़िले के नसीरपुर गांव के रहने वाले दलजीत सिंह ने बताया कि मलेशिया की जेल में कई पंजाबी युवक सालों से बंद हैं, जिनमें से कई तो अपने माता-पिता के संपर्क नंबर तक भूल चुके हैं और घरवालों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। 

दलजीत सिंह ने बताया कि वह 2018 में टूरिस्ट वीज़ा पर मलेशिया गया था। कई साल मेहनत करने के बावजूद न तो उसे तनख्वाह मिली और न ही इंसाफ। मालिकों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने के बाद उसे पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। 

जेल में बिताए गए दिनों को दर्दनाक याद के रूप में बताते हुए उसने कहा कि जेल की स्थिति बेहद भयावह थी — “एक छोटे से कमरे में 70 से 80 कैदियों को ठूंसकर रखा जाता था, जहां सांस लेना भी मुश्किल हो जाता था।” उसने बताया कि वहां का खाना बहुत खराब होता था, जिसके कारण भारत लौटने के बाद भी उसे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दलजीत ने कहा कि वहां खुली हवा में सांस लेने के लिए तरसना पड़ता था। 

दलजीत के परिवार वालों ने बताया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब उन्हें कहा गया था कि पांच महीनों में वह वापस आ जाएगा। लेकिन सात–आठ महीने बीत गए, कोई खबर नहीं आई। आखिरकार, उन्होंने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया, जिनकी मदद से दलजीत 31 अक्टूबर को सुरक्षित भारत लौट आया। परिवार ने कहा कि अगर संत सीचेवाल ने उसकी पैरवी न की होती, तो उसका हाल भी बाकी फंसे युवकों जैसा होता। 

दलजीत ने विदेश जाने वाले युवाओं से अपील की कि टूरिस्ट वीज़ा पर नौकरी की उम्मीद लेकर जाना बहुत बड़ा खतरा है। उसने कहा कि विदेशों में सबसे ज़्यादा शोषण उन्हीं लोगों का होता है जो टूरिस्ट वीज़ा पर काम करते हैं, क्योंकि वहां उनकी मदद करने वाला कोई नहीं होता। 

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने इस मामले में सहयोग देने के लिए विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास का धन्यवाद किया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि अवैध तरीकों से विदेश जाने का फैसला अपने जीवन को जोखिम में डालने के बराबर है। इसलिए विदेश जाने के लिए हमेशा कानूनी और सुरक्षित रास्ते ही अपनाने चाहिए।  

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