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चीफ जस्टिस गवई पर जूते फेंकना संविधान का अपमान -- ढोढ

- सांप्रदायिक तानाशाही ताकतों को सत्ता से हटाने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को एकजुट होने की ज़रूरत 

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला      

जब से बौद्ध विचारधारा वाले मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने पदभार संभाला है, मनुवादी लोग जातिवादी टिप्पणियां कर रहे हैं। जातिवादी कट्टरपंथी देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में एक दलित गवई की उपस्थिति को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं। यह शब्द आप के प्रदेश संयुक्त सचिव परविंदर सिंह ढोढ ने कहे है।  

उन्होंने कहा कि आज़ादी के 78 साल बाद भी मनुवादी लोगों के ज़हन से जातिवाद का कीड़ा नहीं निकल रहा है। ऐसा कृत्य करके आरोपी सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को भंग करने की साजिश रच रहा है। मानवतावादी सोच रखने वाले लोग ऐसे घृणित कृत्य को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर बार-बार जूते फेंकने और उच्च जाति के लोगों द्वारा जातिगत अपमान के कारण एडीजीपीवाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की घटनाएँ तथा उच्च जाति के लोगों द्वारा दलितों का लगातार अपमान एक बीमार मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि "सांप्रदायिक तानाशाही ताकतों को सत्ता से हटाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को एकजुट होने की आवश्यकता है।" 

उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर आसीन मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर माननीय न्यायालय में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में जूते फेंककर जातिवाद के लोगों ने संकेत दे दिए हैं कि भविष्य में आम लोगों के साथ उनका क्या हश्र होगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उपरोक्त घटना से सचेत रहने की आवश्यकता है।  

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