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निर्मला संप्रदाय प्राचीन विरासत के साथ-साथ डिजिटल होने की ओर बढ़े -- संत सीचेवाल

- दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ   

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने निर्मला संप्रदाय से आह्वान किया है कि वे प्राचीन विरासत को संजोए रखते हुए डिजिटल दिशा में भी आगे बढ़ें। निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में निर्मला संत मंडल द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन के अंतिम सत्र में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि निर्मला संप्रदाय का सिख पंथ के प्रति बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि निर्मला संतों और महापुरुषों द्वारा लिखे गए ग्रंथों को डिजिटल रूप में सुरक्षित किया जाना चाहिए, साथ ही नई प्रकाशित होने वाली पुस्तकों को भी डिजिटल रूप में उपलब्ध कराया जाए। संत बलबीर सिंह सीचेवाल निर्मला संत मंडल के सरपरस्त-कम-चेयरमैन हैं।  

संत सीचेवाल ने निर्मला संप्रदाय द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरबाणी के प्रचार और प्रसार का कार्य इस संप्रदाय ने बड़ी निष्ठा से किया है। साथ ही वैदिक ज्ञान के प्रसार की जिम्मेदारी भी निर्मला संप्रदाय ने समझदारी से निभाई है और इसे गाँव-गाँव तक पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ निर्मला संप्रदाय को भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक चुनौती है और आधुनिक तकनीक के ज्ञान का उपयोग समाज के हित में किया जाना चाहिए। 

संत सीचेवाल ने बताया कि सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफ़ॉर्म हैं और निर्मला संप्रदाय को चाहिए कि वह समझदारी और विवेक के साथ इन सभी मंचों का उपयोग करे। इस कार्यक्रम को निर्मला पंचायती अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानी ज्ञान देव सिंह ने भी संबोधित किया और उन्होंने निर्मला संप्रदाय के सिख पंथ को दिए योगदान पर विस्तार से चर्चा की। 

इस अवसर पर डॉ. परमजीत सिंह सरना, प्रो. सुलखन सिंह मान, संत जीत रड़्ढा, डॉ. आसा सिंह घुम्मन, सुखवंत सिंह नाहल, डॉ. जसवीर सिंह मान, मुख्तियार चंदी, संत भगवान सिंह हरखोवाल, संत बलराज सिंह जियाण, डॉ. जसवंत सिंह बुग्गरां, संत अवतार सिंह भीखोवाल सहित अन्य कई गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित थीं। 

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