ब्रेकिंग न्यूज़

RCF में 19वां क्रांतिकारी नाटक मेला संपन्न --- शहीद भगत सिंह विचार मंच ने किया आयोजन .....

- गदरी बीबी गुलाब कौर का संघर्षपूर्ण जीवन हम सभी को महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक समाज के निर्माण का संदेश देता है --- अमोलक सिंह

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

शहीद भगत सिंह विचार मंच RCF कपूरथला ने इस साल भी अपनी वार्षिक परंपरा को जारी रखते हुए 19वां क्रांतिकारी नाटक मेला स्थानीय वर्कर क्लब में आयोजित किया। यह मेला महान शहीद भगत सिंह के जन्मदिन और गदरी बीवी गुलाब कौर की शहादत की शताब्दी को समर्पित था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं और समाज में स्वतंत्रता के महान नायकों के सपनों, आदर्शों और चेतना को फिर से जीवित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद भगत सिंह और गदरी बीवी गुलाब कौर को श्रद्धांजलि अर्पित करके की गई। इसके बाद, मंच की अपनी सांस्कृतिक टीम ने गुरजिंदर सिंह के निर्देशन में नाटक 'इंकलाब जिंदाबाद' का सफल मंचन किया। इस नाटक ने दर्शकों में क्रांतिकारी जोश भर दिया। इसके साथ ही, क्रांतिकारी गीतों और कविताओं की प्रस्तुति ने माहौल को और भी गर्मजोशी से भर दिया।  

मेले में मुख्य वक्ता के रूप में पंजाब लोक सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष अमोलक सिंह ने शिरकत की। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गदरी बीवी गुलाब कौर का संघर्षपूर्ण जीवन हम सभी को महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक समाज के निर्माण का संदेश देता है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी शहीदों के सपनों का समाज बनाने का कार्य अधूरा है। गलत सरकारी नीतियों के कारण आज भी समाज में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और नशों जैसी बुराइयां फैली हुई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों का ध्यान असली समस्याओं से भटकाने के लिए उन्हें सांप्रदायिक मुद्दों में उलझाया जा रहा है।  

अमोलक सिंह ने यह भी बताया कि सरकार की साम्राज्य-समर्थक नीतियों के कारण सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों और मजदूरों की लूट हो रही है। उन्होंने सभी शोषित वर्गों, जिनमें कर्मचारी, मजदूर, किसान और युवा शामिल हैं, को एकजुट होकर इन नीतियों का डटकर विरोध करने का आह्वान किया। 

इस मौके पर लोक कला मंच, मंडी मुल्लांपुर की टीम ने हरकेश चौधरी के नेतृत्व में दो नाटक प्रस्तुत किए। पहला नाटक, 'धरति वंगारे तखत नूं', गदरी बीवी गुलाब कौर के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित था, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर किया। दूसरा नाटक, 'बेड़ियां लगे सुफने', विदेश प्रवास के मुद्दे पर आधारित था। इस नाटक ने दिखाया कि रोजगार की कमी के कारण युवा विदेशों में जाने के लिए मजबूर हैं, जहाँ उन्हें शोषण और भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

मंच संचालन की जिम्मेदारी भरत राज ने बखूबी निभाई। मंच के अध्यक्ष धर्मपाल ने सभी श्रोताओं और सहयोगी संस्थाओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सभी के सहयोग और प्यार से ही सफल हो सका है।

कार्यक्रम की सफलता में मंच की पूरी टीम और अन्य सहयोगी शुभचिंतकों का विशेष योगदान रहा। इस टीम में अध्यक्ष धर्मपाल, सचिव चंद्र भान, गुरजिंदर सिंह, तरसेम सिंह, विनोद कुमार, राम दास, सुरिंदर कुमार बठिंडा, राज कुमार प्रजापति, अमरीक सिंह, गुरमेल सिंह कोटली, सरबजीत सिंह, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, अश्विनी कुमार, जसपाल सिंह सेखों, सुखविंदर सुखी, संजीव कुमार, अरविंद शाह, साकेत कुमार यादव, तेज पाल, संदीप कुमार और रजिंदर कुमार शामिल थे। मेले में पहुंची विशाल भीड़ इस बात का प्रमाण थी कि लोग आज भी स्वस्थ और चेतनापूर्ण संस्कृति से प्रेम करते हैं।  

No comments