कपूरथला में काबू किये साइबर ठगी गैंग के मामले में बड़ा खुलासा ...
- SSP बोले, -- USA बेस्ड सॉफ्टवेयर से विदेशी लोगों को बनाते थे टारगेट, प्रतिदिन 20000 डॉलर की करते थे ठगी
- मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैक कर मासूम लोगों से ठगते थे डॉलर, ठगी की गई रकम को तुरंत क्रिप्टो में कर देते थे कन्वर्ट
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला की सबडिवीजन फगवाड़ा में काल सेंटर की आड़ में चल रहे साइबर ठगी गैंग के खुलासा करने के मामले में आज SSP कपूरथला गौरव तूरा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि गैंग के लोग USA बेस्ड सॉफ्टवेयर द्वारा विदेश में बैठे लोगों से डॉलर ठगी कर तुरंत क्रिप्टो में कन्वर्ट कर देते थे। ताकि ठगी की रकम रिवर्स बैक ना हो सके।
इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों की शमुलियत होने की चर्चा के बारे में SSP ने बताया की गंभीरता से जांच कर अगर किसी अधिकारी के शमुलियत के प्रमाण मिले तो उस पर भी कार्यवाही होगी। उन्होंने यह भी बताया कि मामले से जुड़े 38 आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद 2 दिन का रिमांड मिला है।
एसएसपी बताया कि गत दिवस फगवाड़ा के एक होटल में छापेमारी कर कॉल सेंटर की आड़ में चल रहे साइबर धोखाधड़ी के गैंग से जुड़े 6 महिलाओं सहित 38 लोगों को काबू किया था। जिनके पास से 40 लैपटॉप 67 मोबाइल और 10 लाख कैश बरामद हुआ था।
उन्होंने बताया कि यह गैंग मुख्य तौर पर कनाडा और अमेरिका में लोगों को ब्राउजर के माध्यम से लिंक पॉपअप शो करवाकर उन्हें पर क्लिक करने पर उनका कंप्यूटर सिस्टम हैक करके उन्हें अपनी बात में फंसाकर उनके कंप्यूटर सिस्टम पर स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल करवा देते थे जिससे पीड़ित की पर्सनल जानकारी लेकर उन्हें ब्लैकमेल करके बिटकॉइन और वाउचर दवारा बड़ी राशि प्राप्त कर लेते थे। गैंग का मुख्य संचालक कोलकाता में बैठे व्यक्ति है। जिसके तार दिल्ली एनसीआर के साथ कई प्रदेशों से जुड़े हैं तथा विदेश में भी इनके संपर्क है।
प्रतिदिन 20000 डॉलर की करते थे ठगी, भारतीय समय के अनुसार शाम 7:30 बजे से रात 1:30 बजे तक चलता था ठगी का कारोबार जब अमेरिका कनाडा में दिन का समय होता था.
गेंग की संचालको द्वारा ऑनलाइन जॉब कंसल्टेंट जो कि दिल्ली और गुरगांव में बने उनके दफ्तरों के माध्यम पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवानों को 30 से 35 हजार तनखाह देने का ऑफर देकर नौकरी पर रखा जाता था। फिर यहां काम पर रखकर ज्यादा पैसे का लालच देकर धोखाधड़ी का काम करवाया जाता था।
यह सारा सिस्टम नेटवर्क 3 टियर में चलता था। पहले टियर में बेसिक टीम के लोग अनजान लोगों को के डांटे को हैक कर टियर 2 की टीम को दे देते थे। जिसके बाद ठगी में परफेक्ट टियर 3 की टीम दे देते थे। फिर वह पीड़ित के डिवाइस में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवा कर निजी डाटा सेव कर ठगी करते थे।
एसएसपी ने बताया कि आरोपिओ के बैकवर्ड लिंक दिल्ली एनसीआर, कोलकाता और बैंगलोर जैसे बड़े शहरों से पाए गए हैं। जो इनके बड़े सरगना सूरज वासी दिल्ली और शेन वासी कोलकाता को फड़ने के लिए विभिन्न स्पेशल टीमें बनाकर रेड किए जा रहे हैं। वहीँ इसके इलावा रिकवर हुए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की तकनीकी जांच की जा रही है। जिससे और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
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