विश्व पंजाबी दिवस के रूप में इतिहास में दर्ज होगा 23 सितंबर -- प्रदीप शर्मा
- पंजाबियों से अपील -- कल पंजाबी पोशाक पहनें और केवल पंजाबी में ही बात करें
- आज का दिन इतिहास में विश्व पंजाबी दिवस के निर्माण के रूप में जाना जाएगा -- डॉ. धुरी
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला, पंजाब
स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपने कार्यों के लिए जाना जाने वाला अपना पंजाब फाउंडेशन हर साल अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाता है। वहीँ पंजाबी भाषा के लिए कोई अलग दिन निर्धारित भी नहीं था। पंजाबी भाषा को यह अधिकार दिलाने के लिए, अपना पंजाब फाउंडेशन ने हर साल 23 सितंबर को बाबा फ़रीद जी के जन्मदिवस को समर्पित विश्व पंजाबी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
बाबा फ़रीद जी पंजाबी के उन पहले महान कवियों में से एक हैं जिनके पदों को गुरु ग्रंथ साहिब में स्थान देकर सम्मानित किया गया है। इस दिन, अपना पंजाब फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. जगजीत सिंह धुरी ने अपनी मातृभाषा पंजाबी से प्रेम करने वाले सभी पंजाबियों को विश्व पंजाबी दिवस के उद्घाटन समारोह में शामिल होने या पंजाबी के वारिस के रूप में इसे अपने स्तर पर मनाने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि सदियों से पंजाबियों की सांस्कृतिक और साहित्यिक भाषा को दुनिया में रहने वाले सभी पंजाबियों द्वारा हर साल एक दिन विश्व पंजाबी दिवस के रूप में मनाने का अधिकार है।
अपना पंजाब फाउंडेशन के निदेशक प्रदीप शर्मा ने कहा कि 23 सितंबर को सुबह 10 बजे ऑडिटोरियम हरपाल टिवाना, मॉडल टाउन, पटियाला में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें अपनी मातृभाषा पंजाबी से प्यार करने वाले लोग पहुंचेंगे।
यह दिन दुनिया के सभी क्षेत्रों में मनाया जाएगा। पंजाबियों से अपील की जाती है कि वह इस दिन पंजाबी पोशाक पहनें और केवल पंजाबी में ही बात करें। विद्वानों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति दुनिया की सभी भाषाओं को जानता है और अपनी मातृभाषा और संस्कृति की भाषा नहीं जानता है, तो वह गुलाम है। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व महसूस करना चाहिए। आज से 23 सितंबर को विश्व पंजाबी दिवस के रूप में जाना जाएगा।
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