डी-वार्मिंग दिवस पर विशेष --- पेट के कीड़े कई बीमारियों की जड़ -- डॉ. प्रेम कुमार
- ब्लॉक ढिलवां के स्कूलों में डी-वार्मिंग दिवस मनाया गया
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला सिविल सर्जन डॉ. हरपाल सिंह के मार्गदर्शन और सीनियर मैडिकल अफ़सर डॉ. प्रेम कुमार के कुशल नेतृत्व में आज ब्लॉक ढिलवां के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केंद्रों, सरकारी और सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों और निजी स्कूलों में "राष्ट्रीय डी-वार्मिंग दिवस" मनाया गया। इस अवसर पर जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर और ए.एम.ओ डॉ. प्रशांत ठाकुर, डॉ. गौरव कुमार और ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर मोनिका उपस्थित थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सीनियर मैडिकल अफ़सर डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि डी-वार्मिंग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में पेट के कीड़ों को खत्म करना है, जिसके तहत 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की डी-वार्मिंग के लिए गोलियां दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि हर बच्चे के लिए यह गोली खाना बहुत ज़रूरी है ताकि बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
इस अवसर पर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढिलवां के विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए ज़िला महामारी विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर ने बताया कि बच्चे में पेट के कीड़ों के कारण एनीमिया, भूख न लगना, कुपोषण, मानसिक व बौद्धिक कमज़ोरी, थकान, बेचैनी, पेट दर्द, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि उपरोक्त लक्षणों के कारण बच्चा दिन-प्रतिदिन कमज़ोर और थका हुआ महसूस करता है। डॉ. नवप्रीत कौर ने बच्चों को हाथ धोने के तरीक़ों के बारे में भी विशेष रूप से बताया। उन्होंने बच्चों को समय-समय पर हाथ धोने और सफ़ाई बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर AMO डॉ. प्रशांत ठाकुर और डॉ. गौरव कुमार ने कहा कि बच्चों को बिना किसी डर, ग़लतफ़हमी या झूठी अफ़वाहों के एल्बेंडाज़ोल की गोलियाँ खानी चाहिए। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाज़ोल की गोलियाँ खाने से स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता, बल्कि पेट के कीड़ों को ख़त्म करने के लिए बच्चों को एल्बेंडाज़ोल की गोलियाँ दी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि पेट के कीड़ों से बचने के लिए हमें खाना खाने से पहले, खाना परोसने से पहले और शौच जाने के बाद साबुन या तरल पदार्थ से हाथ धोने चाहिए, खुले में शौच जाने से बचना चाहिए, हमेशा साफ पानी पीना चाहिए, नंगे पैर नहीं जाना चाहिए, खाने को ढक कर रखना चाहिए और आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक, विद्यार्थी और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद थी।
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