ब्रेकिंग न्यूज़

कपूरथला के मंड क्षेत्र में अस्थायी बाँध टूटा, लगभग 100 फुट बनी दरार, 16 गाँवो में घुसा पानी .....

- ब्यास नदी में बढ़ते जलस्तर से मंड क्षेत्र जलमग्न, हज़ारों एकड़ धान की फसल प्रभावित  

- भैणी बहादुर से ब्यास नदी का अस्थायी बाँध बढ़ते जलस्तर के कारण टूटा, क्षेत्र के लोगों में दहशत   

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

कपूरथला की सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र में किसानों द्वारा अपने खेतों की सुरक्षा के लिए बनाए गए अस्थायी बाँध में लगभग 100 फीट की दरार आ गई है। जिससे लगभग 16 गाँव ब्यास नदी के तेज़ पानी से भर गए हैं। जिसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। वहीँ संत सीचेवाल ने सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र में आने वाले बाढ़ प्रभावित गाँवों का दौरा करने के बाद बताया कि बाऊपुर गाँव के पास लगभग 100 फीट की दरार आने से धान की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है, जो चार से पाँच फीट पानी में डूब गई हैं। 

ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से मंड मोहम्मदाबाद, बाऊपुर, संगरा, पस्सन कदीम, शादुल्लापुर आदि गांवों की हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई है। किसानों द्वारा फसलों को बचाने के लिए बनाए गए अस्थायी तटबंध भी टूट गए हैं। पानी का बहाव तेज होने से घरों में भी पानी घुस गया है। जिससे किसानों के घर, फसलें, मशीनें और पशु भी पानी में डूब गए हैं। पीड़ित किसानो ने प्रशासन से मांग की है कि ब्यास नदी के पानी से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए।

वहीँ DC अमित कुमार पंचाल के नेतृत्व में जिला प्रशासन की एक टीम ने आज बाढ़ प्रभावित गाँवों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित गाँवों में हुए नुकसान का जायज़ा लिया। DC ने दावा किया कि धुस्सी बाँध पूरी तरह सुरक्षित है और बाढ़ का पानी कम होने पर जल निकासी विभाग किसानों की मदद से इस दरार को भर देगा। 

इस बीच प्रभावित किसान बाढ़ के पानी से बचने के लिए धुस्सी बांध की ढलान और छतों पर शरण लिए हुए हैं। संत सीचेवाल ने कहा कि उनके अनुयायी बढ़ते बाढ़ के पानी पर लगातार नज़र रख रहे हैं क्योंकि ब्यास नदी में अभी भी एक लाख क्यूसेक पानी बह रहा है।   

सीचेवाल ने कहा कि उन्होंने फंसे हुए किसानों को बचाने के लिए बाढ़ के पानी में एक मोटर बोट तैनात कर दी है। उन्होंने कहा कि मंड क्षेत्र के अंदर कई गाँव ऐसे हैं जिनकी फसलें ब्यास नदी के बाढ़ के पानी से प्रभावित हुई हैं और ब्यास नदी का पानी कम होने पर उनके अनुयायी इस दरार को भर देंगे। सीचेवाल ने बड़ी संख्या में किसानों से मुलाकात की जिन्होंने बाढ़ की अपनी दुखद कहानियाँ सुनाईं।

बाऊपुर वासी जरनैल सिंह ने बताया कि प्रभावित इलाकों के लगभग पाँच हज़ार वासी सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं और हज़ारों एकड़ खड़ी फ़सलें पाँच से छह फ़ीट पानी में डूब गई हैं। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन अब तक उनसे संपर्क करने और कोई राहत सामग्री भेजने में विफल रहा है और वह दयनीय स्थिति में रह रहे हैं। कदीम गाँव के सुरैन सिंह ने जान बचाने के लिए नावों और अन्य राहत सामग्री की माँग की है।  

No comments