RCFEU का 5वां अधिवेशन संपन्न ---"रेलवे में निजीकरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं" -- अखिलेश पांडे
- "मजदूर व कर्मचारी विरोधी 4 श्रम कानून कोड सरकार तत्काल प्रभाव से निरस्त करें" -- राजीव डिमरी
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री के वारिस शाह हॉल में गत दिवस RCFEU का 5वां अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसमें RCF के कर्मचारियों और विभिन्न यूनियनों तथा संगठनों के पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, जो श्रमिक एकता और उनके अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने रेलवे कर्मचारियों के सामने आने वाले मौजूदा मुद्दों, चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा की।
इस गरिमामय अधिवेशन में मुख्य मेहमान के रूप में इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन (IREF) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश पांडे, राष्ट्रीय संगठन सचिव कामरेड जुमेरदीन, राष्ट्रीय सहायक सचिव कामरेड कृष्ण कुमार, तथा ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजीव डिमरी सहित कई अन्य पदाधिकारी साथी भी शामिल हुए। उनकी उपस्थिति ने अधिवेशन को और भी बल प्रदान किया।
अखिलेश पांडे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, IREF ने अपने संबोधन में कहा, "रेलवे देश की रीढ़ है, और इसके कर्मचारी देश की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं। दुर्भाग्य से, रेलवे में निजीकरण और संविदाकरण की बढ़ती प्रवृत्ति हमारे कर्मचारियों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। IREF इन नीतियों का पुरजोर विरोध करता है और अपने सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हमें एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा ताकि रेलवे और उसके कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रह सके।"
कामरेड जुमेरदीन, राष्ट्रीय संगठन सचिव, IREF ने अपने वक्तव्य में कहा "इस अधिवेशन में कर्मचारियों की भारी भागीदारी यह दर्शाती है कि वह अपने अधिकारों के प्रति कितने सजग हैं। संगठन की मजबूती ही हमारी असली ताकत है। हमें मिलकर रेलवे में कर्मचारियों के शोषण के खिलाफ आवाज उठानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके साथ न्याय हो। IREF हमेशा अपने साथियों के साथ खड़ा है और रहेगा।"
कामरेड कृष्ण कुमार, राष्ट्रीय सहायक सचिव, IREF ने अपने संबोधन में कहा, "रेलवे कर्मचारी राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी मेहनत का उचित सम्मान मिले। यह अधिवेशन हमें एक मजबूत मंच प्रदान करता है जहाँ हम अपनी आवाज़ बुलंद कर सकते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।"
कामरेड सर्वजीत सिंह, राष्ट्रीय महासचिव, IREF एवं महासचिव, RCF एम्पलाइज यूनियन ने अपने संबोधन में कहा, "यह हमारे यूनियन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आर.सी.एफ. एम्प्लॉइज यूनियन हमेशा से कर्मचारियों के हक में खड़ा रहा है और रहेगा। हमने एकजुट होकर कई लड़ाइयाँ जीती हैं और भविष्य में भी किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। नवगठित केंद्रीय और डिवीजन समितियां कर्मचारियों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर कर्मचारी की आवाज सुनी जाए।"
कामरेड अमरीक सिंह, प्रधान, RCF एम्पलाइज यूनियन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, "मैं इस 5वें अधिवेशन में आप सभी साथियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। RCF एम्प्लॉइज यूनियन ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। हमें गर्व है कि हमारे सदस्य अपने अधिकारों के प्रति इतने जागरूक और प्रतिबद्ध हैं। यह अधिवेशन हमें एक नया संकल्प लेने और भविष्य की चुनौतियों का मिलकर सामना करने की प्रेरणा देता है। हम कर्मचारियों के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।"
कामरेड राजीव डिमरी, राष्ट्रीय महासचिव, AICCTU ने अपने संबोधन में कहा, "आज देश में श्रमिक वर्ग पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। नई श्रम संहिताएँ और निजीकरण की नीतियाँ श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर कर रही हैं। ऐसे में, आर.सी.एफ. एम्प्लॉइज यूनियन का यह अधिवेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एकजुटता ही हमें इन हमलों का सामना करने और अपने अधिकारों की रक्षा करने की शक्ति देगी। AICCTU हमेशा रेलवे कर्मचारियों के साथ खड़ा है और उनके संघर्ष में हरसंभव समर्थन देगा।"
अधिवेशन के अंत में, कामरेड परमजीत सिंह खालसा, संरक्षक, RCF एम्पलाइज यूनियन ने धन्यवाद भाषण दिया। उन्होंने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिनिधियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस अधिवेशन को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य समय और योगदान दिया। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह की एकजुटता और सहयोग की उम्मीद जताई ताकि श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई को और मजबूती मिल सके।
इस अधिवेशन का एक महत्वपूर्ण बिंदु नई केंद्रीय समिति (Central Committee), कार्य समिति (Working Committee) और डिवीजन समिति (Division Committee) का गठन रहा। इन समितियों का गठन सर्वसम्मति से किया गया, जिसमें अनुभवी सदस्यों के साथ-साथ युवा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है। इन समितियों का मुख्य कार्य भविष्य में यूनियन की गतिविधियों का संचालन करना, कर्मचारियों की समस्याओं को सुनना और उनके समाधान के लिए प्रयास करना होगा।
यूनियन के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा, बेहतर कार्य परिस्थितियों और उचित वेतनमान सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। अधिवेशन में यह भी संकल्प लिया गया कि रेलवे कर्मचारियों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा और उनकी मांगों व रेलवे में नई भर्ती की मांग को सरकार तथा संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी नेताओं और सदस्यों ने 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'वर्कर यूनिटी जिंदाबाद' के नारों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। यह अधिवेशन न केवल कर्मचारियों को एकजुट करने में सफल रहा, बल्कि इसने यूनियन के भविष्य के लिए एक स्पष्ट दिशा भी प्रदान की।
इस अधिवेशन में आरसीएफ के पदाधिकारी अध्यक्ष दर्शन लाल, संगठन सचिव भारत राज, कार्यकारी अध्यक्ष मनजीत सिंह बाजवा, जसपाल सिंह सेखों, कैशियर हरविंदर पाल, विचित्र सिंह, नरेंद्र कुमार, जगतार सिंह, बलदेव राज, तलविंदर सिंह, त्रिलोचन सिंह, अरविंद कुमार शाह, संजीव कुमार, सरबजीत सिंह, निर्मल सिंह, बलजिंदर पाल, चंद्रभान, अवतार सिंह, अश्विनी कुमार, गुरविंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, पंकज कुमार, साकेत कुमार, संजय कुमार, जगदीप सिंह, जगजीत सिंह, शिवराज मीणा, लकी भाटिया, गुरजिंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, अनिल कुमार, गुरजीत कलसी, संदीप सिंह, नवीन कुमार, जयप्रकाश गुप्ता, शिवचंद्र लाल, वरिंदर, सिमरन, रघुवीर सिंह, राजेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार, बुटाराम, सोनू कुमार, बृजेश कुमार, प्रभजोत सिंह, रमनदीप सिंह, मन्नू कुमार, मेघनाथ पासवान, भान सिंह, हरिओम मीना, परमपाल इत्यादि शामिल हुए।
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