कपूरथला वासी युवक कोलंबिया में फंसा, पढ़े दर्द भरी दास्तान ---
- मौत के मुंह में फसे युवक के परिवार ने सीचेवाल से मदद की लगाई गुहार
- कोलंबिया के जंगलों में डोकरों द्वारा युवाओं को दी जा रही अमानवीय यातनाएं -- पीड़ित परिवार
- वीडियो वायरल कर परिवारों से वसूले जा रहे लाखों रुपये
- कनाडा में संत सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास से किया संपर्क
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कोलंबिया के खतरनाक जंगलों में डोकरों के चंगुल से किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकले 25 वर्षीय युवक के परिवार ने एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना का खुलासा किया है। सुल्तानपुर लोधी के गांव बाजा वासी परिवार ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे बलविंदर को अमेरिका भेजने के इरादे से ट्रैवल एजेंटों को पैसे दिए थे। लेकिन एजेंटों ने बलविंदर सहित 4 अन्य युवाओं को धोखे से कोलंबिया में डोकरों के हवाले कर दिया। जिन्होंने उन्हें करीब 5 महीनों तक बंधक बनाए रखा।
पीड़ित परिवार का दावा है कि कोलंबिया में 3 युवकों को यातनाएं देकर मार डाला, जिनके वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। बलविंदर को भी गोली मारने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह किसी तरह भाग निकलने में कामयाब रहा। उसने 600 किलोमीटर की यात्रा कर एक शहर में पहुंचकर 5 महीने बाद अपने परिवार से संपर्क किया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
जैसे ही यह बात परिवार को पता चली, उन्होंने कनाडा में मौजूद राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया। संत सीचेवाल ने तुरंत इस मामले को विदेश मंत्रालय तक पहुंचाया और कोलंबिया स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से बलविंदर की सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी।
बलविंदर की मां, जो सहायता के लिए सुल्तानपुर लोधी स्थित निर्मल कुटिया पहुंचीं, ने बताया कि बलविंदर अपने परिवार में दो बहनों का इकलौता भाई है और उसके पिता लंबे समय से बीमार हैं। उन्होंने बताया कि बलविंदर अमेरिका नहीं पहुंच पाया और एजेंटों ने उनका घर तक बिकवा दिया। ज़मीन भी पहले ही औने-पौने दाम में बेच दी गई थी ताकि एजेंटों को पैसे दिए जा सकें।
परिवार ने बताया कि गांव के चार एजेंटों ने मिलकर बलविंदर को अमेरिका भेजने का झांसा दिया था। एजेंटों ने 32 लाख रुपये की मांग की थी लेकिन सौदा 28 लाख में तय हुआ था। जुलाई 2024 में बलविंदर घर से अमेरिका जाने के लिए निकला था, लेकिन उसे धोखे से अलग-अलग देशों से घुमाते हुए दो महीने बाद कोलंबिया पहुंचा दिया गया, जहां उसे डकैतों के हवाले कर दिया गया।
वहां उसे चार अन्य युवक मिले, जो पंजाब और हरियाणा के थे। डोकरों ने सभी को जंगलों में पांच महीने तक बंदी बनाए रखा, उनके फोन और पासपोर्ट छीन लिए गए। डोकर लगातार परिवारों से पैसे मांगते रहे। जब पैसे नहीं मिले, तो अन्य युवाओं को अमानवीय यातनाएं दी गईं। परिवार ने बताया कि युवकों के मुँह प्लास्टिक की थैलियों से बांध दिए गए, गर्म लोहे की रॉड्स से उन्हें जलाया गया, पिघली प्लास्टिक शरीर पर डाली गई और जगह-जगह ब्लेड से काटा गया। उनके चिल्लाने की आवाजें बलविंदर को बगल वाले कमरे में सुनाई देती थीं।
राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि जैसे ही यह मामला उनके संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत इसे विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया और कोलंबिया में भारतीय दूतावास से संपर्क कर बलविंदर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
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