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RCF में प्रशासन मस्त, कर्मचारी परेशान -- कर्मचारियों के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं -- सर्वजीत सिंह

- यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

रेलवे में सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करने वाले RCF कपूरथला में कार्यरत हजारों कर्मचारियों के हितों को लेकर प्रशासन की उदासीनता और जान बूझकर की जा रही देरी ने गंभीर असंतोष पैदा कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप RCFEU ने प्रशासन के खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू करने की चेतावनी जारी की है। यूनियन का कहना है कि यदि प्रशासन ने अपनी मौजूदा कार्यनीति में तत्काल बदलाव कर कर्मचारियों के लंबित और महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं किया, तो यूनियन सभी कर्मचारियों को साथ लेकर व्यापक आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी RCF प्रशासन और संबंधित अधिकारियों की होगी। 

RCFEU के महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा कि हमारे आक्रोश का मुख्य कारण RRC लेवल-1 के कर्मचारियों के साथ हो रहा अन्याय और जेई मैकेनिकल (25% कोटा) भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक देरी है। RRC लेवल-1 के कर्मचारियों ने सहायक वर्कशॉप स्टाफ (AWS), सहायक वर्कशॉप ट्रेन लाइट एंड एसी मैकेनिक इत्यादि के पद के लिए नोटिफिकेशन नंबर RRC-01/2019 के तहत आवेदन किया था, उन्हें इन पदों पर भर्ती न कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें ऑफिस असिस्टेंट या हॉस्पिटल अटेंडेड इत्यादि के पद पर लगा दिया गया और यह भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी भर्ती के लंबे समय बाद भी उन्हें उनका अपेक्षित डिजिग्नेशन (पदनाम) नहीं दिया गया है और न ही उनकी वरीयता निर्धारित की गई है।  

इस गंभीर अनदेखी के कारण इन कर्मचारियों के भविष्य की पदोन्नति और करियर की प्रगति अधर में लटकी हुई है, जिससे उनमें गहरा असंतोष व्याप्त है। RCFEU की स्पष्ट मांग है कि RRC लेवल-1 के सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से AWS का डिजिग्नेशन प्रदान किया जाए, उनकी सेवा को उनकी ज्वाइनिंग तिथि से किसी भी प्रकार की आंतरिक पदोन्नति परीक्षा के लिए पूर्णतः वैध माना जाए, और सभी लेवल-1 के कर्मचारियों को जल्द से जल्द वर्कशॉप में स्थानांतरित किया जाए ताकि वे अपनी भूमिकाओं के अनुसार कार्य कर सकें। इस मामले में आसिफ प्रशासन के साथ हुई GM-PNM में भी प्रशासन ने 15 दिन के अंदर इनकी फाइनल वरीयता सूची जारी कर इन्हें वर्कशॉप में भेजने का वादा किया था, ताकि रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए 3000 कोच उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन कर्मचारियों को भी मैकेनिकल कार्य में लगाया जाए, लेकिन अभी तक प्रशासन का उदासीन रवैया बर्दाश्त से बाहर होता जा रहा है।

इसी क्रम में प्रशासन की ढुलमुल नीति का एक और उदाहरण जेई मैकेनिकल (25% कोटा) पदोन्नति प्रक्रिया में देखने को मिल रहा है। दिसंबर 2024 में आयोजित इस महत्वपूर्ण परीक्षा का परिणाम तो जारी हो चुका है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अभी तक इसका अंतिम पैनल जारी नहीं किया गया है। यह अनावश्यक देरी कर्मचारियों के बीच भारी निराशा और संदेह पैदा कर रही है। जब भी इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया जाता है, तो वे लगातार टालमटोल करते हुए कभी 2 दिन तो कभी एक सप्ताह का समय देकर पिछले दो-तीन महीनों से केवल समय बर्बाद कर रहे हैं। प्रशासन का यह गैर-जिम्मेदाराना और अड़ियल रवैया कर्मचारियों के सब्र का बांध तोड़ रहा है और यह अब बिल्कुल बर्दाश्त से बाहर होता जा रहा है। 

RCFEU प्रशासन से पुरजोर आग्रह करती है कि वह इन गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर तत्काल ध्यान दे और कर्मचारी हित में ठोस एवं त्वरित निर्णय ले। यदि प्रशासन ने अपनी इस उदासीन और टालमटोल वाली कार्यनीति में बदलाव नहीं किया और कर्मचारियों की इन न्यायोचित मांगों को पूरा नहीं किया, तो आरसीएफ एम्प्लाइज यूनियन के पास कर्मचारियों के साथ मिलकर प्रशासन के खिलाफ एक व्यापक और निर्णायक आंदोलन शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इस संभावित आंदोलन की संपूर्ण और एकमात्र जिम्मेदारी आरसीएफ प्रशासन और इसमें शामिल संबंधित अधिकारियों की होगी।  

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