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कपूरथला में मनरेगा मुलाजिमों का धरना -- 4 माह का वेतन न मिलने से रोष ...

- पगार न मिलने से बच्चों फीस, बुजुर्गों की दवाइयां, राशन व अन्य सामान लाने में दिक्कत  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

मनरेगा कर्मचारी यूनियन ने मुलाजिमों को पिछले 4 माह का वेतन न मिलने के रोष में सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय समक्ष धरना देकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और चेतावनी दी कि जब तक मुलाजिमों को वेतन नहीं मिल जाता। तब तक रोष धरना जारी रहेगा। 

यूनियन के जिला प्रधान रामदित्ता ने बताया कि मुलाजिमों को पिछले 4 माह से वेतन न मिलने के चलते सोमवार को सभी ब्लॉकों में कलम छोड़ हड़ताल शुरु कर रोष धरना दिया गया है। इस कलम छोड़ हड़ताल संबंधी विभाग को पहले ही अवगत करवा दिया गया था। यदि मुलाजिमों को वेतन जल्द जारी न हुआ तो मनरेगा से संबंधित काम भी बंद कर दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार व जिला प्रशासन की होगी। उन्होंने बताया कि मनरेगा मुलाजिमों ने एडीसी (विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा को भी वेतन न मिलने संबंधी मांग पत्र सौंपा था। 

जिसमें बताया गया था कि एक तरफ मनरेगा मुलाजिम बहुत कम वेतन पर काम कर रहे है, दूसरी तरफ वेतन भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण मुलाजिमों को अपना परिवार चलाने में भारी दिक्कत परेशानी पेश आ रही है। इस महंगाई के दौर में एक दिन भी पैसे के बिना निकालना मुश्किल होता है। लेकिन हर बार मनरेगा मुलाजिमों को कई-कई माह वेतन नहीं दिया जाता। जिससे तंग आकर मनरेगा मुलाजिम नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते है। पिछले एक साल में कई मनरेगा मुलाजिम नौकरी छोड़ चुके है। बच्चों की स्कूल फीस, बुजुर्गों की दवाइयां, घर का राशन व अन्य जरुरतों का सामान लाने में काफी दिक्कत परेशानी आ रही है।   

इस समय मनरेगा मुलाजिमों के घरों में दो वक्त की रोटी भी नहीं बन पा रही है। व्हीकलों में पैट्रोल डलवाने के लिए भी पैसे नहीं है। उन्होंने बताया कि मुलाजिमों को वेतन की अदायगी करने के लिए विभाग के पास पैसा पहुंच चुका है। लेकिन मुलाजिमों को वेतन देने के लिए संबंधित विभाग गंभीर नहीं है। मनरेगा की रिपोर्टे एकत्र करने के लिए दिन रात एक किया जाता है लेकिन जब मुलाजिमों को वेतन देने का समय आता है तो टाल मटोल की नीति अपनाई जाती है। जिला के एक कंप्यूटर सहायक को पिछले 6 माह से वेतन की अदायगी नहीं की गई। जिस कारण उक्त मुलाजिम पिछले कई दिनों से मानसिक तौर पर परेशान चल रहा है। उसे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तहत अधिक काम दिया हुआ है। जबकि विभाग के अनुसार मनरेगा कर्मचारियों से मनरेगा के अलावा और किसी भी सीट का काम नहीं लिया जा सकता।  

उन्होंने मांग की है कि मनरेगा मुलाजिमों से मनरेगा के अलावा कोई और काम न लिया जाए। ताकि मनरेगा को सुचारु ढंग से चलाया जा सके। इसलिए कंप्यूटर सहायक मनरेगा को पिछले 6 माह का वेतन, मनरेगा मुलाजिमों को 4 माह का बकाया वार्षिक 10 प्रतिशत इंक्रीमेंट लगाकर बिना किसी देरी से जारी किया जाए।  

इस अवसर पर एपीओ विशाल अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह, रघबीर सिंह, सुरजीत कुमार, अमनदीप, रोशनी, टिंकू, सुरजीत कुमार के अलावा अन्य मौजूद थे। 

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