कपूरथला में जमीन की धोखाधड़ी मामले में अदलात का फैसला .....
- 11 साल पुराने मामले में अदालत ने 6 आरोपियों को 7-7 वर्ष की सजा और 50 -50 हज़ार जुरमाने का फैसला
- पीड़ित बाप - बेटा की मौत होने के बाद रिश्तेदारों ने केस की पेरवाही कर दिलवाया इंसाफ
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला की सब डिवीज़न फगवाड़ा के एक NRI के साथ उसी के नौकर द्वारा अन्य 5 लोगो से मिल कर 59 कनाल 16 मारले जमीन का गबन करने और झूठे दस्तावेज बनाने के जुर्म में चल रहे केस में माननीय जज ACJM ने फैसला सुनाते हुए 6 आरोपियों को 7-7 साल की सजा और 50 -50 हज़ार रूपये जुरमाना लगाया है।
जानकारी के अनुसार 31 /07 /2014 को कपूरथला NRI थाने में 6 आरोपियों गगनदीप, मनीष कपूर, मंगत राम , गुरपाल सिंह @ मोंटी, प्रदीप कुमार तथा जतिंदर पर IPC की धारा 120 बी , 420 ,465 ,467,468 ,471 ,406 के तहत जतिंदर सिंह पुत्र बचितर सिंह वासी फगवाड़ा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। जिसकी जाँच तत्कालीन AIG चरणजीत सिंह ने की थी।
माननीय जज ACJM सुमन पाठक द्वारा केस में बीते दिनों 47 पन्नो का आदेश दिया है। जिसमे स्टेट की तरफ से सीनियर वकील मनु देव गौतम तथा सौरव खुल्लर सरकारी वकील पेश हुए थे। वही आरोपियों की और से JJS अरोड़ा ,सुखदेव सिंह ,मोहित कपूर , दीपक सिधाना और टी एस शर्मा वकील पेश हुए थे।
जानकारी अनुसार बगीचा सिंह वासी पलाही गावो थाना सदर फगवाड़ा हाल वासी कलिफ़ोर्निया अमेरिका की 15 एकड़ जगह गावों चक हाकिम और फगवाड़ा गरबी में पड़ती थी। पीड़ित के विदेश में रहने के चलते उनकी जमीन की देख रेख उनका नौकर मंगत राम करता था।
6 नवंबर 2009 को मंगत राम ने उक्त जमीन का एक इकरारनामा गगनदीप के नाम पर बनवा दिया जबकि उसके पास तब बगीचा सिंह की तरफ से कोई पावर ऑफ़ अटॉर्नी नहीं थी। इकरारनामे अनुसार जमीन का सौदा 1.25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से किया गया था। वही मंगत राम ने बचितर सिंह से वर्ष 2010 में एक पावर ऑफ़ अटॉर्नी मंगवाई। जिसको इंडोस 02 -01 -2010 में करवाया गया। लेकिन उसमे आगे पावर ऑफ़ अटॉर्नी करने के अधिकार न होने के बावजूद मंगत राम ने 19 -05 -10 तथा 25 -10 -2010 को 3 स्पेशल पावर आफ अटॉर्नी, मनीष कपूर पुत्र जतिंदर सिंह, महिंद्रू मोहल्ला जालंधर को तथा एक जतिंदर पुत्र गजन सिंह मेहली गेट फगवाड़ा के नाम पर कर दी।
जिसमे प्रदीप कुमार ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किया थे। मनीष और जतिंदर ने इन्ही स्पेशल पावर ऑफ़ अटॉर्नी के बिहाफ पर 57 लोगो को 59 कनाल 16 मरले के करीब जमीन बेच दी। इसी गड़बड़ी के दौरान जब बगीचा सिंह सिंह को इस धोखा धड़ी का पता चल उनकी मौत हो गई। दोषीओ ने जबरदस्ती बगीचा सिंह के फगवाड़ा वाले घर पर कब्जा भी कर लिया। जिसके बाद उनके बेटे जतिंदर ने सारे मामले में उक्त दोषीओ के खिलाफ शिकायत दी और एन आर आई थाने में 6 दोषीओ के खिलाफ भा दा सा की धारा 120 बी , 420 ,465 ,467,468 ,471 ,406 के तहत केस दर्ज करवाया। उक्त केस की सुनवाई 11 वर्षो से चल रही थी, जिसमे कुल 20 गवाह पेश किये गए।
स्टेट की तरफ से सरकारी वकील सौरव खुल्लर के साथ शिकायकर्ता के वकील मनूदेव गौतम ने तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा। केस के दौरान ही जतिंदर सिंह की मौत हो गयी, जिसके बाद उनके एक रिश्तेदार तेजप्रीत संधू ने विदेश से आकर केस की पेरवाही की।
माननीय अदालत ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद IPC की धारा 120 बी , 420 ,465 ,467,468 ,471 ,406 के तहत प्रदीप कुमार ,मंगत राम ,गुरपाल सिंह ,मनीष कपूर ,जतिंदर कुमार तथा गगनदीप सिंह को दोषी मानते हुए 465 ,471 IPC में 2 -2 वर्ष, 468, 420 IPC में 3-3 वर्ष, 467 ,120 बी में 7 -7 वर्ष की सजा सुनाई हैं। तथा कुल 50 -50 हज़ार रूपये जुरमाने का भी फैसला सुनाया है। वहीँ जुरमाना न भरने की सूरत में 3 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई गई हैं।
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