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संत सीचेवाल ने पंजाब की नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जन आंदोलन का किया आह्वान ....

पंजाब के सभी सांसदों को प्रदूषित नदियों के खिलाफ एकजुट होकर उठाये आवाज  

- विश्व वेटलैंड्स दिवस और कॉलेज स्थापना दिवस मनाया  

- जीवन देने वाली नदियाँ अब बाँट रही हैं मौत  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब की प्रदूषित नदियों को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जन आंदोलन का आह्वान किया है। निर्मल कुटिया सीचेवाल स्थित संत अवतार सिंह मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में विश्व वेटलैंड्स दिवस, संत अवतार सिंह मेमोरियल कॉलेज का स्थापना दिवस तथा स्कूल का वार्षिक समारोह मनाते हुए संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि पवित्र बुड्ढा दरिया हमारे देश का अभिन्न अंग है। पंजाब की समृद्ध विरासत का प्रतीक। इस प्राचीन दरिया  को श्री गुरु नानक देव जी के चरणों का स्पर्श प्राप्त है। प्रदूषित बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जनभागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

इसके तटों पर स्नान घाट बनाये जा रहे हैं। संत सीचेवाल ने कहा कि लोग यह भी कहते हैं कि स्नान घाट आखिर में बनाए जाएं, पहले उनमें स्वच्छ जल प्रवाहित होना चाहिए। संत सीचेवाल ने कहा कि हम इस स्नान घाट का निर्माण इस विश्वास के साथ कर रहे हैं कि जल्द ही बुड्ढा दरिया में स्वच्छ जल प्रवाहित होगा। उन्होंने कहा कि पंजाबी पांच दरियों के मालिक हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने इन अमृत समान पवित्र दरियों में जहरीला व गंदा पानी डालकर इन्हें इस हद तक प्रदूषित कर दिया है कि इनमें जलीय जीवन विलुप्त हो गया है। जीवन देने वाली ये दरिया और नदियाँ आज मौत बाँट रही हैं।  

संत सीचेवाल ने पंजाब संसद के सभी सदस्यों से अपील की कि वे संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान पंजाब की नदियों और दरियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एकता और एकजुटता के साथ अपनी आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 11 नवंबर 2011 तक सतलुज दरिया को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसे अधूरा छोड़ दिया गया। पंजाब की नदियों को बचाने के लिए एकजुटता के साथ संसद में आवाज उठाने की सख्त जरूरत है ताकि हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित कर सकें।  

संत सीचेवाल ने विश्व वेटलैंड दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानक कांजली वेटलैंड पवित्र काली बेईं में स्थित है और जहां सतलुज, ब्यास और पवित्र काली बेईं का मिलन होता है, वहां हरिके पत्तन वेटलैंड स्थित है। ये आर्द्रभूमियाँ धरती माता के आभूषण हैं। काहनूवान छम्भ का जिक्र करते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि उस झील को भी कूड़ाघर में तब्दील किया जा रहा है। जिसका क्षेत्र के लोगों ने कड़ा विरोध किया। संत सीचेवाल ने कहा कि उन्होंने काहनूवान छम्भ का दौरा किया था और वेटलैंड को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों का समर्थन किया था।  

- दोआबा के 4 गांवों को पानी की टंकियां उपलब्ध कराई गईं  

इस कार्यक्रम के दौरान संत सीचेवाल ने पंजाब के दोआबा क्षेत्र के 4 गांवों तलवंडी माधो, फतेहपुर, गट्टा मुंडी कासू और सोहल खालसा को 5000 लीटर पीने के पानी के टैंकर दिए। उल्लेखनीय है कि संत सीचेवाल ने अब तक अपने ऐच्छिक कोष से पंजाब के लगभग 100 गांवों में पानी की टंकियां उपलब्ध करवाई हैं। संत सीचेवाल ने कहा कि इनमें से अधिकतर गांवों को बरसात के दौरान स्वच्छ पेयजल प्राप्त करने में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, वे जल टैंकरों के लिए उन गांवों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिन्होंने अपने गांवों में सामुदायिक भावना स्थापित की है तथा बड़ी संख्या में पेड़ लगाए हैं।   

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