RCF में पुरानी पेंशन बहाली के लिए किया पंपलेट वितरण ----
- एनपीएस, यूपीएस के विरोध में आंदोलन को और तेज करेंगे -- अमरीक सिंह
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
नई पेंशन स्कीम तुरंत बहाल करवाने तथा एनपीएस, यूपीएस के विरोध में आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन द्वारा 2 से 6 सितंबर तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहे हैं, जिसके तहत आज RCF कपूरथला में RCFEU तथा फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे की टीम द्वारा पंपलेट वितरण मुहिम चलाई गई। इस मुहिम में RCF के सैकड़ो कर्मचारियों ने हिस्सा लेकर केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम तुरंत बहाल करने की मांग की।
दरअसल 24 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार ने अपनी राजनीतिक और आर्थिक गणना के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा की है, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूनिफाइड पेंशन स्कीम की तारीफ की और दावा किया कि कर्मचारियों की सभी शंकाएं दूर हो गई हैं उन्होंने कहा कि यूपीएस में पुरानी पेंशन योजना के सभी लाभ शामिल किये गये हैं। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद देशभर के मान्यता प्राप्त संगठनों के शीर्ष नेताओं ने न सिर्फ प्रधानमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़े, बल्कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक जीत बताया और देश के प्रधानमंत्री ने कर्मचारियों के लिए यूपीएस को बड़ा तोहफा होने का ऐलान किया।
NMOPS के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व फ्रंट अगेंस्ट NPS इन रेलवे के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा IREF के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना वास्तव में कैसी है? यह नई पेंशन योजना से कैसे बेहतर है? इसका अंदाजा मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन नेताओं के बयानों से लगाया जा सकता है, जब उनका कहना है कि ''वित्त सचिव श्री टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाली समिति का कहना है कि अब पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना संभव नहीं है, तो हम नई पेंशन योजना में कुछ संशोधन कर सकते हैं और पुरानी पेंशन योजना का लाभ दे सकते हैं! यूनियन नेताओं ने कहा था कि नाम में क्या रखा है? आप कोई भी नाम रखें, नई पेंशन योजना, पुरानी या कोई और, क्या फर्क पड़ता है? हमें पेंशन की जरूरत है! सिंह ने कहा कि असल में एकीकृत पेंशन योजना सैद्धांतिक रूप से नई पेंशन योजना से भी बदतर है, यह सिर्फ नए नाम से कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास है। जैसा कि कहा जाता है, नई पैकिंग में पुराना सामान! उन्होंने कहा कि देश के सभी कर्मचारियों को यह समझने की जरूरत है कि केंद्र सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं? उनकी नीतियां और देश का खजाना कहां लुटाया जा रहा है? दरअसल, नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों का हर माह सैकड़ों करोड़ रुपये देशी-विदेशी पूंजीपतियों की तिजोरी में जा रहा है। लगभग 6 लाख करोड रुपए NPS धारकों का जो शेयर मार्केट में लगा है उसे वापस लेने का केंद्र सरकार की मंशा और नीति का हिस्सा नहीं है।
इसलिए यदि कर्मचारी अपना पुरानी पेंशन योजना का अधिकार बहाल कराना चाहते हैं तो उन्हें उस पूंजी का प्रवाह पूंजीपतियों से हटाकर कर्मचारियों और देश की आम जनता की ओर मोड़ना होगा। ऐसा नहीं हो सकता कि पूंजीपतियों की तिजोरी भी भरी रहे और हम कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का अधिकार मिल जाये। इसलिए इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन देश के समस्त कर्मचारियों को आह्वान करती है कि वह पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष को और मजबूत करते हुए इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन, नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम तथा फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे द्वारा दिए गए किसी भी संघर्ष की अपील का इंतजार करें तथा उसमें अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।
04 सितंबर को सुबह 7:30 बजे से डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पर कर्मचारियों को काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आज के विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से मनजीत सिंह बाजवा, बचितर सिंह, नरिंदर कुमार, शरणजीत सिंह, जसपाल सिंह सेखो, तरलोचन सिंह, तलविंदर सिंह, कुमार शाह, जगदीप सिंह, अनिल कुमार, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, बलजिंदर सिंह, चंद्रभान, राजिंदर कुमार, करण कुमार, नवदीप कुमार, साकेत कुमार यादव, आदेश कुमार, सुभाष कुमार, प्रवीण कुमार आदि पदाधिकारी थे।
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