पराली जलाने से रोकने हेतु DC के आदेश --- सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के खेतो पर भी होगी तीखी नज़र ...
- खेतों में आग लगी तो अधिकारियों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
- DC के नेतृत्व में तालमेल एवं निगरान कमेटी का गठन
- किसानों को पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए किया प्रेरित
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
आने वाले धान के सीजन के दौरान पराली जलाने की बजाय खेतों में ही निपटाने के लिए कपूरथला प्रशासन ने कमर कस ली है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार DC कपूरथला के नेतृत्व में जिला स्तरीय तालमेल एवं निगरान कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के चेयरमैन DC अमित कुमार पांचाल होंगे। और SSP, एडीसी (D), पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर, जिला राजस्व अधिकारी सदस्य होंगे और मुख्य कृषि अधिकारी कमेटी के कनवीनर होंगे।
DC ने यह भी बताया कि कमेटी की बैठक साप्ताहिक क्रम में होगी। जिसमें पराली जलाने के दुष्परिणामों पर जागरूकता गतिविधियों तथा आग लगने की घटनाओं पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।
इसके अलावा, तहसील स्तर पर उपमंडलीय निगरान समिति के अध्यक्ष सब डिविज़न मैजिस्ट्रेट होंगे, DSP और BDPO मैंबर होंगे तथा ब्लॉक कृषि अधिकारी कनवीनर होंगे। समिति की बैठक प्रतिदिन अथवा एक दिन बाद होगी।
DC ने यह भी कहा कि टीमें सरकारी विभागों, निगमों के अधिकारियों और कर्मचारियों के खेतो बारे भी जानकारी एकत्र करेंगी। ताकि वह भी अपनी जमीनों में फसली अवशेष न जलाएं। अगर कोई सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों अपने खेतो में आग लगाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बेहतर तालमेल और रिपोर्टिंग के लिए सभी मॉनिटरिंग का सभी काम PPCB और PRSC द्वारा बनाये गये ATR ऐप के माध्यम से किए जाएंगे। DC अमित कुमार पांचाल ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर पहले से ही जागरूकता अभियान चल रहा है। उन्होंने किसान भाईयों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि फसली अवशेष/पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि हमारी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है।















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