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संत सीचेवाल के प्रयासों से मस्कट में बेची गई मां-बेटियां घर लौटी ...

- सीचेवाल बोले -- गुलाम की तरह जीने की बजाय देश में काम करने को प्राथमिकता दे   

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

जालंधर जिले की रहने वाली मां-बेटी को उनके रिश्तेदार ने मस्कट में बेच दिया था। जबकि दोनों को दुबई में तीस हजार प्रतिमाह की नौकरी का झांसा दिया गया। दो महीने बाद मस्कट से लौटी बेटी ने बताया कि घर की गरीबी के कारण उसने और उसकी मां ने दुबई जाने का फैसला किया।  

 ट्रैवल एजेंट बनी एक रिश्तेदार उन्हें दुबई भेजने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये मांगे थे, लेकिन मामला 80 हजार पर खत्म हो गया। वह 5 मार्च को अमृतसर हवाई अड्डे से मुंबई होते हुए मस्कट के लिए रवाना हुई, जबकि उसकी मां 2 मार्च को मस्कट पहुंची। वहां पहुंचने पर पता चला कि उन्हें दुबई की जगह मस्कट में काम दिया जाना है। जब उन्होंने विरोध किया तो ट्रैवल एजेंट उन्हें दुबई ले गया जहां उन्हें 2 दिनों तक रखा गया और कहा गया कि आपके पासपोर्ट में कुछ गड़बड़ है। इस वजह से वे दुबई में नहीं रह सकते और एजेंट फिर उन्हें वापस मस्कट ले गया।  

पूरे दिन वहां काम करने के बाद जब उन्हें एक कार्यालय में कड़ी निगरानी में रखा गया, तो उन्हें समझ आ गया था कि अब उनका वहां से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है। उनको ना तो काम करने के पैसे दिए जा रहे थे और ना ही ठीक से खाना।  

पीड़ित लड़की ने बताया कि उसके पति ने संत बलबीर सिंह सीचेवाल के दफ्तर पहुंचकर उसे बचाने का रास्ता निकाला था। पीड़ित लड़की के पति ने बताया कि उसकी सास जैसे तैसे वहां से निकलकर वापिस आ गई थी। इस वजह से उनकी पत्नी पर और भी सख्त कर दी गई थीं। पीड़िता के पति ने कहा कि राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने सहानुभूतिपूर्वक उनकी बात सुनी और तुरंत विदेश मंत्रालय और मस्कट में भारतीय दूतावास से संपर्क किया। जिसके कुछ दिन बाद ही उनकी सास और फिर उनकी पत्नी भारत लौट पाईं। 

पीड़िता ने निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुंचकर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अगर संत सीचेवाल ने समय रहते उनकी मदद न की होती तो शायद ही वह मस्कट की नारकीय जिंदगी से इतनी जल्दी वापस नहीं आ पातीं। उन्होंने कहा कि मां की तबीयत खराब होने के कारण वह यहां नहीं आ सके।  राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने युवाओं से अपील की कि वे विदेशों में गुलामों की तरह रहने के बजाय देश में काम करने को प्राथमिकता दे।

बॉक्स आइटम: पीड़ित ने बताया कि ट्रैवल एजेंट यहाँ से भेजते समय तो बड़े बड़े सपने दिखाते हैं। लेकिन जब उनका सामना हकीकत से हुआ तो समझ आया कि ट्रैवल एजेंटों ने जो रंगीन सपने दिखाए थे, वहां मामला बिल्कुल उसके उलट था।  पीड़िता ने कहा कि उसे यह जानकर और भी सदमा लगा कि उसे वहां लाखों में बेच दिया गया। उनके रिश्तेदार ट्रैवल एजेंट ने भी अपने मुंह से यही कहा था कि तुम्हें लाखों रुपए लेकर 2 साल के लिए बेच दिया गया है  और अब तुम्हारे पास वापसी का कोई विकल्प नहीं होगा।  पीड़िता ने बताया कि ऐसी कई लड़कियां हैं जिनका सौदा ये ट्रैवल एजेंट करते हैं लेकिन उन्हें छुड़ाने वाला कोई नहीं मिलता।  

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