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Breaking ...... कपूरथला रेडक्रॉस सोसाइटी में फंडो के दुरूपयोग की चर्चा, मामला पहुंचा डीसी दरबार

- 5 वर्ष पहले सेक्टरी पद के लिए बिना किसी हेरोमनी की शर्त पर हुई थी नियुक्ति, फिर भी ली जा रही है राशि    

- राष्ट्रिय उपप्रधान रेड क्रॉस सोसाइटी ने दिए SGIRCS को जांच के आदेश 

- पगार नहीं जिला प्रशासन ने उन्हें ऑनरेरी राशि दे रहा है -- आरसी बिरहा 

खबरनामा इंडिया ब्यूरो। कपूरथला  

पंजाब के कपूरथला रेडक्रोस सोसाइटी में सेक्ट्री पद की नियुक्ति के बाद किये गए फंडो के दुरूपयोग का एक मामला आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमे सेक्ट्री की नियुक्ति बिना हेरोमनी के होने के बाद उनको पगार दिए जाने का मामला है। वैसे इसकी जाँच अब डीसी कपूरथला के दरबार में जाने के बाद जाँच का जिम्मा एडीसी जनरल राहुल चाबा के पास है। और साथ ही सोसाइटी राष्ट्रिय उपप्रधान अविनाश राय खन्ना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SGRIS भारत को भी जाँच के आदेश दिए हैं। वहीँ सेक्ट्री पद पर नियुक्त हुए आरसी बिरहा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह पगार नहीं ले रहे है जबकि नियुक्ति के 27 माह बाद जिला प्रशासन ने उन्हें ऑनरेरी राशि देना शुरू किया था। 

बता दे कि रेडक्रोस सोसाइटी एक ऐसी संस्था है जिस गरीब लोगों की मदद की जाती है। वहीँ ह्यूमन राइट्स प्रेस क्लब द्वारा एक आरटीआई में ली गई जानकारी में 30/9/15 को रेड क्रॉस सोसाइटी के अतिरिक्त पदभार पर सेक्टरी के तौर पर काम करने वाले आरसी बिरहा ने प्रेजिडेंट ( तत्कालीन डी सी ) को लिख कर दिया था कि वह रेड क्रॉस सोसाइटी में बिना किसी हेरोमनी (किसी भी तरह का वेतन) के कार्य करने को तैयार है। जिसको आधार मानते हुए 16/10/15 को रेडक्रोस सोसाइटी के मते में स्पष्ट करते हुए पैरा "A" को दर्शाते हुए प्रेजिडेंट सहित सभी ने हस्ताक्षर कर सेक्ट्री की नियुक्ति पर मुहर लगाई गई। लेकिन बावजूद उसके जब सभी रेड क्रोस सोसाइटी से वेतन लेने वालों की लिस्ट ली गयी तो उसमें सेक्ट्री आरसी बिरहा की भी 17490/- प्रति माह वेतन लेंने की बात का खुलासा हुआ जिसके बाद ह्यूमन राइट्स प्रेस क्लब की ओर से एक ऍप्लिकेशन सीरपीसी 340 के तहत साथ में सीआरपीसी 195 के तहत डी सी कपूरथला दीप्ती उप्पल को दी गयी है। 

वही इसकी एक प्रति रेड क्रॉस सोसाइटी भारत के उपप्रधान अविनाश राय खन्ना को भी भेजी जिन्होंने उसे SGIRCS  ( सेक्ट्री जनरल इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ) भारत को जांच के आदेश दिए हैं। वही वादी पक्ष के वकील मणित मल्होत्रा ओर पूजा नेगी ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी लोगो की सेवा के लिए है और इसके एक एक रुपये पर गरीब और जरूरतमन्दों का हक है। और उस हक की लड़ाई के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। 

- क्या कहते है सेक्ट्री आरसी बिरहा  

इस बारे रेड क्रॉस सोसाइटी के सेक्ट्री आरसी बिरहा ने कहा कि वह अभी भी रेड क्रॉस और विरसा विहार का कार्य बिना हेरोमनी ही कर रहे है। उनकी रेड क्रॉस में नियुक्ति के 27 महीने बाद उनके बेहतर कार्य को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें ऑनरेरी राशि देने का फैसला किया था। जो की दी जा रही है। और विरसा विहार का कार्य वह अभी भी बिना किसी मेहनताना के कर रहे है। 

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