खाड़ी देशों में भारतीय युवाओं को बंधक बना फिरौती मांगने का मुद्दा संसद में गूंजा ....
- संत सीचेवाल ने माझे और दोआबे के युवाओं को ईरान में बंधक बनाए जाने और भारी रकम वसूले जाने का मामला उठाया
- अगवा करने वाले आपत्तिजनक वीडियो बनाकर करते हैं ब्लैकमेल
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
संसद के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने खाड़ी देशों में भारतीय युवाओं को अगवा कर फिरौती मांगने के गंभीर मुद्दे को जोरों से उठाया। संत सीचेवाल ने विदेश मंत्री को दिए अपने लिखित प्रश्न में बताया कि माझे और दोआबे के कुछ पीड़ित परिवारों ने उनके ध्यान में लाया कि ट्रैवल एजेंट अच्छी तनख़्वाह का लालच देकर बच्चों को विदेश ले जाते हैं और वहां पहुंचकर उन्हें अगवा कर लिया जाता है। इन युवाओं पर अमानवीय अत्याचार किए जाते हैं। कई युवाओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उनके माता–पिता को ब्लैकमेल किया जा रहा है।
संत सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय से पूछा कि क्या सरकार के पास इस बात की जानकारी है कि भारतीय युवाओं को इराक, ईरान सहित अन्य खाड़ी देशों में ऊंची तनख़्वाह वाली नौकरियों के झूठे वादों से फंसाया जा रहा है और बाद में मानव तस्करी के नेटवर्क के जरिए उन्हें बंधक बना लिया जाता है? ऐसे फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करने जा रही है?
राज्यसभा में पूछे गए इस लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को विदेश में नौकरी देने के नाम पर बरगलाया जाता है। ऐसी शिकायतें मिलते ही मंत्रालय तुरंत कार्रवाई में जुट जाता है।
विदेश राज्य मंत्री ने आगे बताया कि इमिग्रेशन एक्ट 1983 के तहत कोई भी ट्रैवल एजेंट लाइसेंस लिए बिना एजेंसी नहीं चला सकता। नियमों का पालन न करने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत अक्टूबर 2025 तक देशभर में कुल 3,505 गैर-पंजीकृत एजेंटों को ‘ई-माइग्रेट पोर्टल’ पर सूचीबद्ध किया गया है। मंत्रालय ‘ई-माइग्रेट पोर्टल’ के माध्यम से सुरक्षित और कानूनी प्रवास को लेकर लोगों को जागरूक कर रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी आम लोगों को सुरक्षित तरीके से विदेश जाने के बारे में जागरूक किया जाता रहेगा।



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