दीपावली पर शुभ महूरत में करे माँ लक्ष्मीजी का पूजन, पढ़े क्या है समय .... ??
- पूजा का शुभ मुहूर्त -- लक्ष्मी पूजा शाम 7:30 से 8:27 तक, प्रदोषकाल 5:57 से 8:27 तक, वृषभकॉल 7:23 से 9:22 तक और निषिद्ध पूजा रात 11:47 से 12:36 बजे तक
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। पंजाब
हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व दीपावली को लेकर जहां पुरे देश में संशय बना हुआ है। वहीँ कार्तिक मास की अमवस्या दो दिन पड़ने से कुछ लोग 20 और कुछ 21 अक्टूबर को दिवाली मन रहे है। इस संशय की स्थिति में जियोतिशाचार्य घनश्याम पांडेय ने बताया कि दीपावली पर्व रोशनी, उल्लास और शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है। दीपावली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा का सबसे अधिक महत्व होता है। लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को ही रात करना चाहिए।
पंडित घनश्याम पांडेय ने कहा कि हिन्दू धर्म में मान्यता है कि यदि आप सच्चे मन और विधि विधान से पूजा करते हैं, तो धन की देवी मां लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश आपसे प्रसन्न रहेंगे। आपका पूरा साल अच्छा बीतेगा और आप पर लक्ष्मी-गणेश जी की कृपा बनी रहेगी। दिपावली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ पूजन करने से जीवन में खुशियां आती हैं।
पंडित घनश्याम पांडेय ने बताया कि इस बार अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक है। वहीँ 21 अक्टूबर को रात प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ हो जायगी। इन दिनों में दिपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त 11:48 से 12:34 तक, संध्या पूजा शाम 5:57 से 7:12 तक, वहीँ लक्ष्मी पूजा शाम 7:30 से 8:27 तक, प्रदोषकाल 5:57 से 8:27 तक, वृषभकॉल 7:23 से 9:22 तक और निषिद्ध पूजा रात 11:47 से 12:36 बजे तक है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
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| पंडित घनश्याम पांडेय |
- मां लक्ष्मी मंत्र ....
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥
- श्री गणेश मंत्र ...
गजाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
- कुबेर मंत्र ....
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥




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