RCF के इतिहास में ऐतिहासिक सामूहिक उपवास .....
- OPS बहाली, निजीकरण पर रोक और स्थानीय मांगों के लिए RCFEU का ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
रेल कोच फैक्ट्री में RCFEU ने इंडियन रेलवे ईम्प्लाइज फेडरेशन (IREF), फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे, और एनएमओपीएस (NMOPS) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर एक दिवसीय सामूहिक उपवास का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। इस भूख हड़ताल में ऑल इंडिया SC एण्ड ST एसोसिएशन, ऑल इंडिया ओबीसी एसोसिएशन, आईआरटीएसए और इंजीनियरिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ शामिल हुए।
इस उपवास का मुख्य उद्देश्य पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग करना था, और इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए लागू की गई NPS और UPS को तत्काल रद्द करने का आह्वान किया गया। यूनियन का मानना है कि OPS कर्मचारियों का अधिकार है और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, यूनियन ने RCF में खाली पड़े 1700 पदों पर जल्द से जल्द नई भर्ती करने की मांग की, ताकि कार्य का बोझ कम हो और उत्पादन की गति को बनाए रखा जा सके। यूनियन ने RCF में 3000 कोच के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक सामग्री का उचित और समय पर प्रबंधन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। इस मंच का संचालन तलविंदर सिंह ने किया।
संगठन सचिव भरत राज ने अपने भाषण में कहा कि यह आंदोलन सिर्फ एक दिन का नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी के भविष्य का सवाल है और हम अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं।
RCFEU के महासचिव सर्वजीत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह सामूहिक उपवास सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारे भविष्य और हमारे परिवारों की सुरक्षा के लिए एक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन की बहाली का संघर्ष अंतिम पड़ाव पर है और 25 नवंबर 2025 को दिल्ली में एक महारैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरे देश के लाखों कर्मचारी शामिल होंगे और आरसीएफ से भी भारी संख्या में कर्मचारी उसमें भाग लेंगे।
यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमें अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं, पेंशन हमारा हक और अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। अंत में उन्होंने वहां पहुंचे सभी लोगों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम के बाद आरसीएफ ईम्प्लाइज यूनियन ने प्रधानमंत्री के नाम का एक ज्ञापन आरसीएफ के GM एस.एस. मिश्र को सौंपा।
इस सामूहिक उपवास में उपरोक्त पदाधिकारियों के साथ-साथ यूनियन के सरपरस्त परमजीत सिंह खालसा, कार्यकारी अध्यक्ष मनजीत सिंह बाजवा, संयुक्त सचिव जसपाल सिंह शेखो, कैशियर हरविंदर पाल, चेयरमैन दर्शन लाल, जगतार सिंह, विचित्र सिंह, प्रदीप कुमार, नरेंद्र कुमार, त्रिलोचन सिंह, अरविंद कुमार साह, संजीव कुमार, शिवराज मीणा, बलजिंदर पाल, परमिंदर सिंह, अवतार सिंह, सौरभ, प्रशांत, रघुवीर सिंह, विकास मणी, लक्की भाटिया, रमन कुमार, बलदेव राज, अश्वनी कुमार, जगमिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरजीत कलसी रामदास, हरजिंदर हैरी, संदीप कुमार, रणवीर सिंह, अमरिंदर सिंह, कमलजीत सिंह, जगदीप सिंह, पवन शर्मा, परमिंदर सिंह, अमित, धीरज, सुभाष, चंद्रभान, साकेत, विपिन, हरिओम मीना, योगेश तिवारी, जगजीत सिंह, नवीन कुमार, सिमरन, संजय कुमार, केवल सिंह, मक्खन सिंह, ओम प्रकाश मीणा, पंकज कुमार सिंह, मन्नू कुमार, मेघनाथ पासवान, वरिंदर सिंह, शिव चन्द्र लाल, अवतार सिंह, सुखचैन, हरप्रीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, बलतेजपुरी, मारुति, जेपी गुप्ता, रवि, राकेश, अमरजीत सिंह, कुंदन, प्रवीण सोनी, परमजीत सिंह, तथा सेवानिवृत्त साथी शरणजीत सिंह और दिलबाग सिंह, एवं महिला कर्मचारी रमिंदर कौर, इंद्रजीत कौर, कंचन कुमारी व अन्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।



















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