बाउपुर मंड में टूटा पहला अस्थायी बांध फिर से बाँधा ....
- दूसरे ज़िलों से आए नौजवान बाउपुर मंड में कर रहे हैं किसानों की मदद
- संत सीचेवाल ने नौजवानों और इलाके के लोगों का किया धन्यवाद
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
सुल्तानपुर लोधी के बाउपुर मंड इलाके में आई बाढ़ के दौरान जो पहला अस्थायी बांध टूट गया था, उसे लोगों के सामूहिक सहयोग से फिर से बाँध दिया गया है। इस अस्थायी बांध में 10 अगस्त की रात को दरार पड़ गई थी, जिससे ब्यास दरया का पानी बाउपुर मंड इलाके में घुस गया था और बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। इस बांध को मज़बूत करने के लिए आज भी सेवा कार्य जारी रहे।
राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की अगुवाई में आज 15 से अधिक ट्रैक्टरों ने आसपास के खेतों से मिट्टी इकट्ठी करके बांध तक पहुँचाई। यहाँ एक बड़ी एक्सावेटर मशीन भी बांध को मज़बूत करने में लगी हुई थी।
बाउपुर मंड इलाके में पटियाला जिले की तहसील नाभा के गांव रामगढ़ से 10 नौजवान ट्रैक्टर और डीज़ल लेकर आए हैं, ताकि बाढ़ पीड़ित किसानों के खेत फिर से खेती योग्य बनाए जा सकें। इनमें शामिल मनजीत सिंह और गुरकीरत सिंह ने बताया कि वे दो ट्रॉलियाँ पशुओं के लिए आचार (चारा) भी साथ लाए हैं। उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही संत सीचेवाल द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में की जा रही सेवाओं से प्रेरित होकर, बाबा जी के आह्वान पर उनकी 10 लोगों की टीम पूरी एकजुटता के साथ यहाँ मदद करने आई है। इन नौजवानों ने बताया कि वे यहाँ दो दिन रुकेंगे और बाद में भी बाढ़ पीड़ित किसानों की मदद करने के लिए आते रहेंगे।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने उन नौजवानों और इलाके की संगत का धन्यवाद किया जिन्होंने दिन-रात एक करके इस बांध को बाँधा। उन्होंने कहा कि नौजवानों में अथाह शक्ति होती है, बस सही दिशा देने की ज़रूरत होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 और 2023 में आई बाढ़ के दौरान भी रिकॉर्ड समय में बनाए गए बांधों में नौजवानों का बड़ा योगदान रहा था। उन्होंने कहा कि नौजवानी की ताकत बाढ़ से तबाह हो चुके पंजाब को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने में सक्षम है।
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