RCFEU का पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंग्राम का आगाज़ .....
- पम्फलेट वितरण करके पहले चरण की शुरुआत
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में इंडियन रेलवे ईम्पलाइज फेडरेशन, एनएमओपीएस एवं फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के आवाहन पर RCFEU के कर्मचारियों के भविष्य, फैक्ट्री के भविष्य और रेलवे के भविष्य को लेकर एक व्यापक संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। RCFEU के नेतृत्व में, कर्मचारियों ने फैक्ट्री के जवलंत मुद्दे कोच उत्पादन लक्ष्य के अनुसार वर्कशॉप में सामग्री की पूर्ण उपलब्धता, रिक्त पदों के तत्काल भर्ती, ठेकेदारी और आउटसोर्सिंग पर लगाम, प्रशासनिक भवन में पांच दिन का कार्य दिवस, PPE आइटम के गुणवत्ता में सुधार, आठवें वेतन आयोग को जल्द से जल्द लागू करना, पीएलबी बोनस की गणना सातवें पे कमीशन के अनुसार करना, निगमीकरण/निजीकरण के खिलाफ और पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए एक बड़े आंदोलन के पहले चरण की शुरुआत की है।
इस चरण में यूनियन ने RCF परिसर और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पैम्फलेट वितरित करके अपने मुद्दों को उठाया। यूनियन के महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा है कि सरकार द्वारा रेलवे की नई भर्ती को रोक कर निगमीकरण/ निजीकरण को बढ़ावा देने का कदम कर्मचारियों के लिए एक गंभीर खतरा है।
उनका मानना है कि इस कदम से न केवल कर्मचारियों की सेवा शर्तें, बल्कि उनकी सामाजिक सुरक्षा और नौकरी की गारंटी भी खतरे में पड़ जाएगी। यूनियन ने इस कदम को कर्मचारियों के दशकों के परिश्रम और समर्पण पर कुठाराघात बताया है।
इसके साथ ही, आंदोलन का एक प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन योजना की बहाली है। कर्मचारी वर्तमान नई पेंशन योजना (NPS) और यूनीफाइड पेंशन स्कीम ( UPS) से असंतुष्ट हैं, जिसे वे भविष्य के लिए असुरक्षित और अनिश्चित मानते हैं। उनका तर्क है कि पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन प्रदान करती थी, जिसे वापस लागू किया जाना चाहिए।
पैम्फलेट वितरण अभियान इस महासंग्राम का सिर्फ पहला कदम है। यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार और रेल मंत्रालय ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो यह आंदोलन और अधिक व्यापक रूप ले लेगा। आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन, धरने और अन्य संघर्षपूर्ण गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं।
यूनियन का लक्ष्य कर्मचारियों को एकजुट करना, जनता का समर्थन हासिल करना और सरकार पर दबाव बनाना है ताकि वे उनके ज्वलंत मुद्दों का समाधान निकालें। यह संघर्ष केवल आरसीएफ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे देश के सार्वजनिक क्षेत्रों व पूरी इंडियन रेलवे के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाई बन गया है।
इस मौके पर RCFEU के पदाथिकारी जसपाल सिंह शेखो, मनजीत सिंह बाजवा, अमरीक सिंह गिल, हरविंदर पाल, जगतार सिंह, बलदेव राज, प्रदीप कुमार, विचित्र सिंह, तलविंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, गुरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, साकेत कुमार, भरत राज, त्रिलोचन सिंह, अरविंद कुमार साह, संजीव कुमार, संदीप कुमार, जगदीप सिंह, जगजीत सिंह, राजेंद्र कुमार, शिवराज मीणा, बूटा सिंह, संजय कुमार, मन्नू कुमार, ओमप्रकाश मीणा, हरि ओम मीणा, लकी भाटिया, मक्खन सिंह, मेघनाथ पासवान, शिवचन्द्र लाल, सिमरन, अश्विनी कुमार, गुरजिंदर सिंह, पंकज कुमार सिंह, हरजिंदर सिंह हैरी, गुरजीत कलसी, नवदीप कौर और कुलजिंदर कौर आदि मौजूद थे।



















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