संत सीचेवाल ने विदेश दौरा किया रद्द, पढ़े क्यो ...??
- बाढ़ में फंसे पीड़ित किसानों की मदद प्राथमिकता, 35 गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए संगत को सहयोग की अपील
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला की सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ पीड़ितों की मदद को प्राथमिकता देते हुए राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने अपना इंग्लैंड दौरा रद्द कर दिया है। और संत सीचेवाल के सेवकों ने बताया कि उन्हें 22 अगस्त से 8 सितंबर तक इंग्लैंड में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होना था। इंग्लैंड की संगत एक साल से संत सीचेवाल की प्रतीक्षा कर रही है। लेकिन उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों की मदद को पहल देते हुए यह फैसला लिया है।
गौरतलब है कि संत सीचेवाल द्वारा विदेश दौरा रद्द करने के फैसले से इलाके के लोगों को उम्मीद बंधी है कि उनके लगभग 35 गांव सुरक्षित रहेंगे। संत सीचेवाल आज गांव आहली कलां में ब्यास दरिया के एडवांस बांध पर पड़ रहे दबाव को रोकने के लिए इलाके के लोगों को साथ लेकर बांध की मज़बूती के कार्य में जुटे हुए हैं।
पोंग डैम से लगातार ब्यास दरिया में आ रहे पानी के कारण धुसी बांध के अंदर लगभग 500 से 600 फुट लंबे एडवांस धुसी बांध पर दबाव बन गया है। इस कटाव को रोकने के लिए इलाके के लोग और किसान मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2023 में यह बांध टूटने से इस इलाके में हजारों एकड़ धान की फसल तबाह हो गई थी और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार भी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।
संत सीचेवाल ने इलाके की संगत से अपील की है कि वे आहली कलां के एडवांस बांध पर पहुंचें। इस बांध की मजबूती ने 35 गांवों को बाढ़ की मार से अब तक बचाकर रखा है। आहली कलां के सरपंच शमिंदर सिंह ने बताया कि सुबह से ही ब्यास दरिया का पानी बांध को एक ओर से काटना शुरू कर चुका था। उन्होंने कहा कि जब बांध आधे से ज्यादा कट चुका था तो उन्होंने सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं, लेकिन संतों और संगतों के सहयोग से बांध को फिलहाल टूटने से बचा लिया गया है।
गांव सरूपवाल के किसान बलविंदर सिंह ने बताया कि जैसे ही देर रात संत सीचेवाल को जानकारी मिली कि बांध टूटने की कगार पर है, तो उन्होंने तुरंत ही इंग्लैंड दौरा रद्द करके आहली कलां के एडवांस बांध पर पहुंचने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि संत सीचेवाल के वहां पहुंचते ही इलाके के लोगों और युवाओं को बड़ा हौंसला मिला और फिलहाल के लिए बांध पर पड़ रही मार को रोक लिया गया है। जिससे इलाके की 30 से 35 हजार एकड़ फसल बच गई है। उन्होंने बताया कि इलाके के लोग और किसान लगातार बांधों पर अरदासें कर रहे हैं।



















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