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कपूरथला के आहली कलां के पास आर्ज़ी बांध में एक और दरार ...

- 50 से 60 हजार एकड़ धान की फसल डूबने का ख़तरा, सीचेवाल 20 दिनों से लगातार बाढ़ पीड़ितों की कर रहे मदद  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

कपूरथला के मंड क्षेत्र में आई बाढ़ के पानी का स्तर फिर से बढ़ने के कारण पिछले 20 दिनों से बाढ़ में फंसे लोगों की समस्याएँ कम होती हुई नहीं दिख रही हैं। आज सुबह से ब्यास दरिया का जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया था, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। पहले ब्यास दरया में 2 लाख क्यूसिक पानी बह रहा था, जो अब 2 लाख 4 हजार क्यूसिक हो गया और शाम होते-होते 2 लाख 17 हजार क्यूसिक तक पहुँच गया है। 

ब्यास दरिया में लगाए आर्ज़ी बांध का देर रात चक्कपत्ती बालू बहादर के पास टूट जाने के कारण किसानों की 50 से 60 एकड़ धान की फसल डूबने का खतरा उत्पन्न हो गया है।  

वहीं राज्य सभा सदस्य व पर्यावरण प्रेमी संत सीचेवाल पिछले 20 दिनों से लगातार बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुटे हुए हैं। बता दे कि 10 अगस्त को पहले आर्ज़ी बांध में दरार आई थी, जिस कारण खेतों में पानी भर गया था। राज्य सभा सदस्य संत सीचेवाल ने 11 अगस्त से इस इलाके में मोर्चा संभाल लिया था। उन्होंने आज शनिवार को गांव आहली कलां और खुर्द गांवों के लोगों से मुलाकात की, जहां चक्कपत्ती बालू बहादर के पास आर्ज़ी बांध टूटने से पानी धान के खेतों में भरने लगा था। 

इस 20 किलोमीटर लंबे आर्ज़ी बांध को बचाने के लिए इलाके के लोग पिछले कई दिनों से संघर्ष कर रहे थे, लेकिन यह बंध 2 लाख क्यूसिक से ज्यादा बढ़े पानी का दबाव नहीं सह सका। कुछ दिन पहले यह बांध गांव आहली खुर्द के पास टूट चुका था और बीती रात 11 बजे के करीब चक्कपत्ती बालू बहादर के पास टूटने से धान की फसल बड़े पैमाने पर बर्बाद हो जाएगी। 

संत सीचेवाल ने लगातार पानी में घिरे गांवों और डेरों में जाकर प्रसाद पहुँचाया। बाढ़ पीड़ितों को पिछले 20 दिनों से पानी में घिरे रहने के कारण जहां उनके रसोई गैस सिलेंडर खत्म हो गए हैं, वहीं उन्हें भी अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, घरों में पानी भर जाने के कारण वहां सामान्य जीवन जीना भी अभी कठिन बताया जा रहा है।  

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