संत सीचेवाल के प्रयासों से मलेशिया की जेल से विधवा माँ के बेटे की हुई वतन वापसी ...
- जेल के हालात नरक से भी बदतर -- जगदीप
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
मलेशिया की जेल में कैद लुधियाना वासी विधवा माँ के बेटे जगदीप सिंह की राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से वतन वापसी हुई है। संत सीचेवाल का आभार व्यक्त करने के लिए निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी पहुँचे जगदीप ने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाते हुए कहा कि जब पुलिस ने उसे पकड़ा था तो ऐसा लग रहा था कि उसकी ज़िंदगी खत्म हो चुकी है।
जगदीप ने बताया कि कंपनी में पड़े छापे के दौरान उसे साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया गया। थाने पहुँचने पर उसे पता चला कि एजेंट ने उसका वीजा ही रिन्यू नहीं करवाया था। जिसके कारण उसे 6 माह की सज़ा सुनाई गई और उसे डिटेंशन कैंप में भेज दिया गया। जेल के हालात सुनकर और खुद अनुभव करके उसने वापसी की सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। उसके अनुसार वहां की जेल नरक से भी बदतर थी।
पीड़ित जगदीप ने बताया कि वह 2019 में मलेशिया घूमने गया था। उसी दौरान पंजाब में हुए सड़क हादसे में उसके पिता की मौत हो गई और भाई की टांग टूट गई। घर की हालत को देखते हुए उसने मलेशिया में ही रहने का फैसला किया। वीजा बढ़वाने के लिए उसने वहाँ के एक एजेंट को 2000 मलेशियन रिंगिट (लगभग 38,000रूपये) दिए लेकिन एजेंट ने वीजा रिन्यू नहीं करवाया।
निर्मल कुटिया पहुँचे जगदीप के भाई ने जानकारी देते हुए कहा कि जब उन्हें पता चला कि जगदीप जेल में है, तो घरवाले बिल्कुल टूट गए और समझ नहीं आया कि अब क्या किया जाए। इसके बाद प्रदीप सिंह खालसा और अर्शदीप सिंह ने 2 अप्रैल को राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया। संत सीचेवाल द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के चलते जगदीप 10 अप्रैल को सुरक्षित घर लौट आया।
मिडिया से बातचीत में राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास का आभार जताया कि उन्होंने एक विधवा माँ को उसका बेटा वापस दिलवाने में मदद की।
पर्यावरण प्रेमी और राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से वापस लौटे जगदीप ने बताया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया, उसकी सारी उम्मीदें टूट गई थीं क्योंकि उसे छह महीने की सज़ा सुना दी गई थी। उसने कहा कि पिता की मौत और भाई के घायल हो जाने के बाद पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी उसी पर थी और वह अपनी विधवा माँ का इकलौता सहारा था। जेल में उसका फोन छीन लिया गया था और उसे काफी अत्याचार सहने पड़े। वहाँ जेल में बंदी की दाढ़ी और बाल तक काट दिए जाते थे, लेकिन इधर से संत सीचेवाल द्वारा की गई मदद के कारण उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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