कपूरथला वासी दिहाड़ीदार का बेटा अमेरिका से डिपोर्ट होकर घर पहुंचा, बिलख पड़ा पिता ....
- पिता बोला --- 6 माह पहले घर गिरवी रखकर 45 लाख रूपये लगाकर भेजा था विदेश
- 22 दिन पहले ही पहुंचा था अमेरिका के बेस कैंप में
- गांव तरफ बहबल बहादुर के गुरप्रीत सिंह के घर पहुँचने पर पिता का रो-रोकर बुरा हाल
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला की सब डिवीज़न सुल्तानपुर लोधी वासी गुरप्रीत सिंह के देर रात घर पहुँचने पर पिता ने बिलखते हुए बताया कि कैसे कर्जा लेकर बेटे को विदेश भेजा था।
बता दे कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप 2.0 युग की शुरूआत के साथ जहां हर दुनिया भर में तहलका मचा हुआ, वहीं पहली बार अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने वालों को खदेड़ने के लिए डिपोर्ट किए गए पहले भारतीय की सूची में शामिल सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादुर निवासी गुरप्रीत सिंह भी शामिल है।
बुधवार दोपहर लगभग दो बजे यूएस मिलिट्री का सी-17 विमान इन भारतीयों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा। इस अमेरिकी विमान ने 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका से उड़ान भरी थी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को भेजने के लिए मिलिट्री विमान का इस्तेमाल किया गया हो।
सुल्तानपुर लोधी के गांव तरफ बहबल बहादर का गुरप्रीत सिंह अमेरिका से डिपोर्ट होकर आ रहा है। उसके घर में पिता तरसेम सिंह का बेटे के डिपोर्ट होने की सूचना मिलने के बाद से रो-रोकर बुरा हाल है। दिहाड़ीदार तरसेम सिंह व उसके चाचा महिंदर सिंह ने बताया कि उसे मीडिया के जरिये पता चला कि उसका बेटा भारत भेजा जा रहा है। आंसू भरी आंखों से महिंदर सिंह ने बताया कि उसने बेटे को छह महीने पहले विदेश भेजने के लिए 45 लाख रुपये खर्च किए थे।
उन्होने यह भी बताया कि अभी 22 दिन पहले ही वह अमेरिका के बेस कैंप में पहुंचा था। उसे विदेश भेजने के लिए उसने अपना घर तक गिरवी रख दिया और इतनी मोटी रकम इकठ्ठी करने के लिए हाथ-पांव जोड़कर जहां कुछ रिश्तेदारों से रुपये उधार लिए थे, वहीं कर्ज भी उठाया था, लेकिन अब सब कुछ तबाह हो गया है। अब उसे सिर्फ केंद्र व पंजाब सरकार से उम्मीद है कि उसके बेटे को पंजाब में ही कोई रोजगार की व्यवस्था करवा कर दे, जिससे वह अपने सिर से कर्ज के बोझ को उतार सके।
वहीं दूसरी तरफ थाना सुल्तानपुर लोधी के SHO हरगुरदेव सिंह ने बताया कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुरप्रीत सिंह को उसके घर सकुशल पहुंच दिया गया है।
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