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पंजाब में 8.5 करोड़ के वाटर बस प्रोजेक्ट की जांच शुरू .....

 - मंत्री बोले -- इस प्रोजेक्ट पर पर पैसा खर्चना सरासर गलत  

खबरनामा इंडिया बबलू। पंजाब    

पंजाब में वर्ष 2016 में अकाली भाजपा सरकार के दौरान खरीदी गई वाटर बसों की अब सरकार ने जांच शुरू कर दी है। पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुणप्रीत सिंह ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना सरासर गलत था।  

मंत्री ने कहा कि यह बस अब पूरी तरह से चलने के काबिल नहीं है। और इसके चलने से कोई बड़ा हादसा होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं लेगी जिससे किसी की जान-माल को खतरा हो। उन्होंने यह भी कहा कि रणजीत सिंह सागर झील में वाटर बसें चलाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। 

मंत्री तरुणप्रीत ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा इस प्रोजेक्ट पर 8.63 करोड़ रुपए खर्च करना गलत फैसला था। उन्होंने कहा कि वाटर बस प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार का प्रतीक है। मंत्री ने कहा कि यह यह पहले भी घाटे का सौदा साबित हुई है। क्योंकि इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए जबकि आमदनी नाममात्र थी। 

उन्होंने दोहराया कि यह जल बस पूरी तरह से बेकार हो चुकी है और भविष्य में इसके चलने की कोई संभावना नहीं है। सौंद ने कहा कि यह 'सुपर फेल' प्रोजेक्ट पिछली सरकारों के गलत फैसलों का नतीजा है, जिससे जनता के पैसे की बर्बादी हुई। इस पैसे का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकता था।  

बता दे कि वाटर बसें वर्ष 2016 में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान खरीदी गई थीं। यह बसें तत्कालीन डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट थीं। इन बसों को एक निजी कंपनी से खरीदा गया था। उस समय ये बसें हरिके वेटलैंड में चलाई गई थीं। यह प्रोजेक्ट लगभग साढ़े नौ करोड़ का था। हालांकि उस समय यह बसें मात्र दस दिन ही चलीं। जिसके बाद 2017 में कांग्रेस सरकार सत्ता में आ गई तब तत्कालीन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इन बसों की नीलामी करने सम्बन्धी कहा था।  

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