पूर्व PM मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन --- संस्कार को लेकर पंजाब के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया ....?
- पंजाब के नेता बोले, सिख PM को राजघाट पर जगह क्यों नहीं ?, यह सिखों से सौतेला व्यवहार
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। नई दिल्ली, पंजाब
भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर आज पंच तत्व में विलीन कर दिया है। वहीँ उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए राजघाट पर जगह न देने से पंजाब के सिख नेता भड़के हुए हैं। और तीखी पर्तिकिर्या देते हुए अकाली दल और कांग्रेस सांसदों ने केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिखों के साथ केंद्र का सौतेला व्यवहार है।
पूर्व PM मनमोहन सिंह के संस्कार पर अकाली दल अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल ने सोशल मिडिया पर पोस्ट कर कहा कि परिवार की मांग को ठुकराकर केंद्र सरकार ने उन्हें चौंका दिया है। यह मांग देश की परंपरा और पुराने रीति-रिवाजों के अनुरूप थी। केंद्र के इस फैसले के चलते अब डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार सामान्य श्मशान घाट ( निगमबोध घाट ) पर किया जा रहा है।
सुखबीर बादल ने यह भी कहा कि यह फैसला चौंकाने वाला और अविश्वसनीय है। यह अत्यंत निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार की उस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने देश के इस महान नेता के अंतिम संस्कार और अंतिम क्रियाकर्म के लिए एक ऐतिहासिक और उपयुक्त स्मारक बनाने की जगह मांगी थी।
वहीँ पंजाब के पूर्व डिप्टी CM व कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मिडिया पर एक पोस्ट डाल कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार और कांग्रेस पार्टी ने भारत सरकार से राजघाट के पास एक स्मारक बनाने के लिए स्थान देने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के महान कद और पुरानी परंपरा को नजरअंदाज करते हुए सिख समुदाय को सौतेले जैसा महसूस करवाया है। यह फैसला सिख समुदाय में असंतोष और निराशा पैदा कर सकता है।
दूसरी तरफ पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि यह अत्यंत दुखदाई है कि पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए एक सम्मान जनक जगह और स्मारक निर्माण की मांग को ठुकरा दिया गया। वह सिख समुदाय से पहले और एकमात्र प्रधानमंत्री के रूप में उनकी विरासत अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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