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आज हमारे महलों में यह अंधेरी रात केसी है --- दो वरदान, राम बनवास नाटक का मंचन ....

- श्री प्रताप धर्म प्रचारणी सभा दवारा आयोजित नाटिका में प्रभु श्रीराम के बनवास का दृश्य देखकर भाव विभोर हुए दर्शक

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला      

आज हमारे महलों मे यह अंधेरी रात केसी है, बिछा है फर्श पर मातम यह बिगडी बात केसी है, यह उदगार महाराज दशरथ ने श्री प्रताप धर्म प्रचारिणी सभा रामलीला दशहरा कमेटी की ओर से रविवार की शाम देवी तालाब और रात्रि के समय शालीमार बाग में मंचित नाटक दो वरदान, राम बनवास नाटक में उस समय कहे, जब रानी कैकयी को पता चलता है कि प्रभु राम का राज्यबिषेक होने जा रहा है तो रानी कैकयी रूष्ट होकर कौप भवन में चली जाती है और महाराज दशरथ उसे मनाने के लिए वहां आते है। इस मंचित नाटक का उदघाटन कपूरथला  के JP अस्पताल के मालिक दम्पति डा. अतुल रतन व डा. अनु रतन ने श्रद्धा भाव से किया।  

इससे पहले महाराज दशरथ राज्यसभा में घोषना करते है कि अब समय आ गया है जब अयोध्या नगरी का राजपाट राम के हाथों में सौंपकर चिंता मुक्त होना चाहता हूं। राजा के पद पर प्रभु श्री राम का नाम सुनते ही मंत्रीगण गद गद हो गए और उन्होंने राजा दशरथ से कहा कि प्रजा के लिए इससे उतम कोई भी निर्णय नहीं हो सकता है। इस निर्णय की अयोध्या में मुनियादी के दौरान  सूचना सुनकर मंथरा रानी कैकई के कानों में यह बात कहती है कि अगर राम का राज तिलक हो गया,तो भरत कभी अयोध्या नरेश नहीं बन सकता और रानी कैकयी को महाराज दशरथ पर उधार दो बरदान याद करवाती है और महाराज दशरथ से यह दोनो बरदान मांगने के लिए बिवश करती है।  

जिसमें  एक में  प्रभु राम के लिए 14 वर्ष का बनवास और दूसरे बरदान मे भरत के लिए राज तिलक मांगने के लिए कहती है। बात सुनते ही रानी कैकई दशरथ के पास जाकर दोनों वर मांगती है। राम के बनवास की बात सुनकर राजा दशरथ विचलित होकर कैकई को अपना वर वापिस लेने के लिए गुजारिश करते है,लेकिन कैकयी उन्हें अपने दो वर पूरा करने के लिए रघु कुल रीत स्मरण करवाकर रजामंद कर लेती है। और प्रभु राम माता और पिता के आदेश की पालना करते हुए छोटे भाई लक्ष्मण और अपनी भार्या सीता सहित बनवास पर जंगलो की ओर चले जाते है। यह दृश्य देखकर दर्शक भक्त भाव विभोर होकर प्रभु श्री राम के जयकारे लगाते है।  

इस अवसर पर सुरिंदर शर्मा सतीश शर्मा, राजेश सूरी, बिशंवर दास, रजिंदर वर्मा, ऐडवोकेट पवन कालिया, पंडित किशन दत, दबिंदर कालिया, मंगल सिंह, पवन, गुलशन लुंबा, भूपिंदर सिंह, हरदीप कुमार, जोगिंदर jk, पुलकित सूरी, अक्षत कालिया, रधु शर्मा, तनुज महाजन, व दर्जनों कलाकार उपसिथत थे। 

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