केंद्र सरकार दवारा डल्लेवाल के स्वास्थ्य और आंदोलन की अनदेखी करना दुर्भाग्यपूर्ण -- अमरीक सिंह
- केंद्र सरकार की तानाशाही और अमानवीय व्यवहार निंदनीय -- सरबजीत सिंह
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
RCFEU की एक महत्वपूर्ण बैठक आरसीएफईयू के अध्यक्ष अमरीक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें किसानों की मांगों व मुद्दों के समाधान के लिए भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई तथा केंद्र सरकार के तानाशाही व अमानवीय रवैये की भी कड़ी निंदा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए RCFEU के महासचिव सरबजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार खुलेआम देशी-विदेशी पूंजीपतियों व लुटेरे कारपोरेट घरानों की सेवा में लगी हुई है। जबकि देश के किसान, मजदूर, कर्मचारी, युवा, महिलाएं, दलित व अपनी मांगें मनवाने वाले लोग बेबस हैं। केंद्र सरकार उनके अधिकारों और संघर्षों को उदासीनता से नजरअंदाज कर रही है और उनके प्रति तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य की अनदेखी करना केंद्र सरकार को महंगा पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि पंजाब की मान सरकार भी इस मुद्दे पर आंखें मूंदे बैठी है।
अमरीक सिंह ने कहा कि हम न केवल आंदोलनकारी किसानों की मांगों और संघर्ष के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की चंडीगढ़ बिजली बोर्ड और उत्तर प्रदेश बिजली बोर्ड के निजीकरण की नीति का भी कड़ा विरोध करते हैं और हम सभी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार इतिहास से कोई सबक लिए बिना विकास के नाम पर देश के सार्वजनिक क्षेत्र और संसाधनों का अंधाधुंध निजीकरण कर रही है। वहीं दूसरी तरफ देश का युवा बेरोजगारी से तंग आ चुका है वह या तो नशे और अपराध की दुनिया में फंस रहे हैं या फिर रोजगार की तलाश में विदेश जाने को मजबूर हैं।
सरबजीत सिंह व अमरीक सिंह ने कहा कि निजीकरण, उदारीकरण, वैश्वीकरण की नीतियों के 30-35 वर्षों के इतिहास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उपरोक्त नीतियों का मतलब है चंद लुटेरों के हाथों में धन व संसाधनों का इक्कठा होना है तथा बहुसंख्यक लोगों के लिए केवल दुख और विनाश है। इसलिए अब देश के मेहनतकश जनता के पास संघर्ष के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने किसानों के संघर्ष और सभी संघर्षशील लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए सभी साथियों से अपील की कि वह RCF और रेलवे को बचाने के लिए भविष्य के संघर्ष के लिए तैयार रहें और जहां भी संभव हो संघर्षरत साथियों के साथ जुड़ें और उनका मनोबल बढ़ाएं।
बैठक में दर्शन लाल कार्यकारी अध्यक्ष, हरविंदर पाल कैशियर, अमरीक सिंह गिल अतिरिक्त सचिव, मनजीत सिंह बाजवा संयुक्त सचिव, बचित्तर सिंह उपाध्यक्ष, जगतार सिंह, बलजिंदर पाल, शरणजीत सिंह, त्रिलोचन सिंह, भरत राज, नरिंदर कुमार, दलबारा सिंह, जसपाल सिंह सेखों, तलविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह सुखी, बाबू सिंह, संजीव वर्मा, संदीप सिंह, अरविंद कुमार शाह, अवतार सिंह आदि सभी कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।
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