यूनियन मान्यता चुनाव के लिए RCF एम्पलाइज यूनियन ने भरा नामांकन ---
- एक अदारा-एक यूनियन के लिए लड़ेंगे चुनाव -- RCFEU
- UPS, NPS, निगमीकरण, निजीकरण, आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी, ऑफ लोडिंग इत्यादि के खिलाफ तथा नई भर्ती, कर्मचारियों के हक अधिकारियों तथा कारखाने की खुशहाली के लिए संघर्ष जारी रखेंगे -- अमरीक सिंह
खबरनामा इंडिया. बबलू , कपूरथला
रेल कोच फैक्ट्री में 4 दिसंबर को होने वाले यूनियन मान्यता चुनाव में एक अदारा-एक यूनियन का लक्ष्य लेकर RCF एम्पलाइज यूनियन ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। जिसमें RCF के हजारों कर्मचारियों ने भागीदारी दिखाकर तन-मन-धन के साथ संगठन के लिए कार्य करने का प्राण लिया है।
इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन तथा RCF एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री सर्वजीत सिंह ने कहा कि संगठन ने कर्मचारियों के हक़-अधिकारों के लिए आगे बढ़कर हमेशा संघर्ष किए हैं। और RCF एम्पलाई यूनियन द्वारा किए गए ऐतिहासिक संघर्षों की बदौलत ही RCF को भारतीय रेलवे का स्वर्ग कहा जाता है। कर्मचारियों के किए अतिरिक्त कार्य के बदले उन्हें इंसेंटिव भुगतान, RCF प्रशासन तथा रेलवे बोर्ड पर दवाब बनाकर समय-समय पर लगातार नई भर्ती करवाना, RCF में बढ़ रही आउटसोर्सिंग, ठेकेदारी प्रथा पर लगाम लगाने, कोच की गुणवत्ता सुधारने, घटिया सामान पर लगाम लगाने के लिए लगातार संघर्ष करने, कॉलोनी परिसर का बढ़िया रखरखाव करने, कर्मचारी व उनके परिवारों को मिलने वाली सभी तरह की सुविधा सुनिश्चित करने इत्यादि को लेकर लगातार संघर्षरत है।
उन्होंने आगे कहां की पूरी रेलवे में निजीकरण पॉलिसी को लागू करने, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करवाने की जगह कर्मचारियों पर जबरदस्ती यूनिफाइड पेंशन स्कीम थोपने, रेलवे कायाकल्प कमेटी, रेलवे रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी इत्यादि कमेटियाँ जिन्होंने रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर तथा रेलवे कर्मचारियों का बहुत बड़ा नुकसान किया है, का समर्थन करने वाले दोनों मान्यता प्राप्त संगठनों का सभी कर्मचारी खुलकर विरोध कर रहे हैं, आरसीएफ सहित पूर्ण रेलवे में दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशन का कर्मचारियों द्वारा बहिष्कार किया जा रहा है। सर्वजीत सिंह ने कहा कि रेलवे में दो यूनियन को मान्यता देने का चलन होने के चलते निजीकरण, आउटसोर्सिंग इत्यादि कर्मचारी विरोधी नीतियां दिल्ली में बैठे बड़े-बड़े फेडरेशनों के लीडर बनाते हैं, जिसका कर्मचारियों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, इसी के चलते रेडीका में समस्त कर्मचारियों का लक्ष्य है कि आरसीएफ में एकमात्र यूनियन आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन को भारी बहुमत से मान्यता देकर "एक अदारा-एक यूनियन" का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
नामांकन रैली में यूनियन के अतिरिक्त सचिव अमरीक सिंह गिल, संयुक्त सचिव मनजीत सिंह बाजवा, कार्यकारी अध्यक्ष दर्शन लाल, जसपाल सिंह शेखों, बच्चितर सिंह, नरेंद्र कुमार, संजीव वर्मा, प्रदीप सिंह, त्रिलोचन सिंह, तलविंदर सिंह, बलजिंदर पाल, संजीव कुमार, अरविंद कुमार शाह, हरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, जगदीप सिंह, करण कुमार, संजय कुमार फार्मासिस्ट, चरनप्रीत कौर, मनप्रीत कौर, मनप्रीत कौर, प्रियंका, अश्विनी कुमार, हरजिंदर हैरी, प्रीतम कुमार, सुखविंदर सिंह, चंद्रभान, विनोद कुमार, धर्मपाल, लखी बाबू, नवदीप कुमार, जतिंदर सिंह, IRTSA की पूरी टीम व सहयोगी संगठनों के कार्यकर्त्ता और RCF के हजारों कर्मी मौजूद थे।
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