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कपूरथला सिविल अस्पताल में देर रात एक प्रवासी मजदूर की मौत के बाद हंगामा ...

- मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए ड्यूटी डॉक्टर ने किया अमृतसर रेफर  

- मरीज के साथिओ का आरोप --- 108 एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने से हुए मौत  

- SMO बोले,  कमेटी गठित कर करवायेंगे जाँच  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला   

कपूरथला सिविल अस्पताल में देर रात एक प्रवासी मजदूर की मौत के बाद हंगामा हो गया। बताया जा रहा है कि बेहोशी की हालत में लाए गए मजदूर की गंभीर स्थिति को देखते हुए ड्यूटी डॉक्टर ने अमृतसर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। लेकिन जैसे ही उक्त मरीज को 108 एंबुलेंस में ले जाने लगे तो एंबुलेंस में ही मरीज ने दम तोड़ दिया। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस में लगा ऑक्सीजन का सिलेंडर खाली था। जिस कारण उनके मरीज की मौत हुई है। 

वहीँ घटना की सूचना मिलने के बाद थाना-2 अर्बन एस्टेट की पुलिस भी मोके पर पहुंच गई और मामलें की जांच शुरु कर दी गई। मृतक की पहचान गुरसहाय सादा पुत्र चेतु सादा सहरसा बिहार हाल निवासी गांव बूटां के रुप में हुई है। 

दूसरी तरफ परिजनों के आरोप को देखते हुए सिविल अस्पताल के SMO डा.संदीप धवन ने बताया कि इस मामलें को लेकर जांच कम‌ेटी बनाई जाएगी। अगर किसी की गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

मृतक मजदुर को लेकर आये किसान विसाखा सिंह निवासी गांव बूट ने बताया कि गुरसहाय 10 दिन पहले अपने साथियों सहित उनके खेतो में काम करने आया था। शुक्रवार शाम वह अपने सथियों सहित उनकी गांव लक्खन कलां में जमीन पर धान की रोपाई कर रहा था। काम करते हुए गुरुसहाय की अचानक तबीयत खराब हो गई है। जिसके बाद उसे तुरंत सिविल अस्पताल कपूरथला ले लाया। जहाँ डयूटी पर तैनात डाक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ऑक्सीजन लगा दी।  

लेकिन उसकी हालात में कोई सुधार न होता देख उसे अमृतसर मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। और ड्यूटी डाक्टर ने 108 एंबुलेंस को सुचना दे दी। लेकिन जैसे ही गुरुसहाय को एंबुलेस में ले जाने लगे और ऑक्सीजन लगाई गई। तभी कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।  

मजदुर के साथ आये लोगो ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस में रखे गए आक्सीजन सिलेंडर में आक्सीजन नही थी। विसाखा सिंह ने कहा कि सिविल अस्पताल की लापरवाही से गुरुसहाय की मौत हुई है। वही दूसरी तरफ सिविल अस्पताल प्रबंधन की तरफ से SMO डा.संदीप धवन ने बताया कि मामलें की जांच के लिए एक कम‌ेटी गठित की जायगी। अगर किसी की गलती पाई गई तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

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