भविष्य में आने वाली प्रजातियों को बचाना है तो कुदरत को बचाना होगा -- सिविल सर्जन
- बढ़ रहा तापमान पर्यावरण से छेड़छाड़ का प्रमाण
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
प्रकृति है तो हम हैं, अगर हमें भविष्य में आने वाली प्रजातियों को बचाना है तो कुदरत को बचाना होगा। यह शब्द सिविल सर्जन कपूरथला डॉ. सुरिंदरपाल कौर ने विश्व पर्यावरण दिवस के संबंध में जनता को जागरूक करते हुए व्यक्त किए है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण को बचाने की पहल खुद को ही करनी होगी। और छोटी-छोटी आदतों को जीवन का हिस्सा बनाकर पर्यावरण को बचाया जा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ. सुरिंदरपाल कौर ने चिंता जताई कि आज विकास के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ की जा रही है। पेड़ काटे जा रहे हैं, नदियों का रुख बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समेत में लगातार बढ़ रहा तापमान पर्यावरण से छेड़छाड़ का स्पष्ट प्रमाण है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो पृथ्वी रहने लायक नहीं रहेगी। उन्होंने लोगों से पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अभी से सतर्क रहने को कहा और भावी पीढ़ी के लिए पर्यावरण की रक्षा के लिए संघर्ष करने पर जोर दिया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर जहा पर्यावरण को बचाने के लिए अलग अलग तरह से अपील की जा रही है। वही इस महान कार्य में अब स्कूली बच्चे भी जमीनी स्तर पर उतर आए है। और बढ़ती गर्मी और स्कूलों में इसी वजह से हुई छुट्टियों का हवाला दे कर पौधे लगाने का क्रम जारी है। जिसके तहत दानिश ओबराय ने एक पौधा लगाकर दूसरे छात्रों को प्रेरित किया है।
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. नंदिका खुल्लर ने कहा कि प्लास्टिक के लिफाफों का प्रयोग न करें। अधिक से अधिक पौधे लगाएं, और कागज का दुरुपयोग न करें। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे-छोटे कार्यों के लिए वाहनों का उपयोग कम किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर ACS डॉ. अनु शर्मा, DHO डॉ. राजीव पराशर, DMC डॉ. संदीप भोला, DDHO डॉ. कपिल डोगरा, डॉ. राजीव भगत, डॉ. नवप्रीत कौर, डाॅ. भरमिंदर बैंस और अन्य उपस्थित थे।
















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