PTU में आउटसोर्स कर्मियों का शांति पूर्वक प्रदर्शन ...??
- पीटीयू में तैनात लगभग 500 कर्मियों को पिछले 2 महीने से पगार न मिलने के चलते परिवार भूखे मरने की कगार पर
- पीटीयू प्रबंधन ने SIS एजेंसी के कर्मी होने का कहकर पल्ला झाड़ा
- रजिस्ट्रार ने कहा ..... SIS एजेंसी को पेमेंट अदा की जा चुकी है
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। कपूरथला, पंजाब
पंजाब के जालंधर कपूरथला रोड पर स्थित आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में तैनात आउटसोर्स के लगभग 500 से अधिक कर्मचारियों को पिछले 2 महीने से पगार न मिलने के चलते उनके परिवार भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं इसी रोज में आज आउटसोर्स कर्मियों ने डीटीयू केंपस में शांति पूर्वक प्रदर्शन किया और प्रशासन तथा एजेंसी प्रबंधकों से अपनी पगार देने की मांग की है।
इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले आउटसोर्स के कर्मियों ने यह भी बताया कि आज के प्रदर्शन के बाद उन्होंने पीटीयू प्रबंधन को 2 दिन में पगार अदा करने के लिए लिखित रूप से दे दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में प्रबंधन की तरफ से आए डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ किशोर लूथरा ने 2 दिन में पगार दिलवाने का आश्वासन दिया है। डिप्टी रजिस्ट्रार डॉक्टर किशोर लूथरा ने सिर्फ इतना ही कहा की मामला सुलझा ने का प्रयास किया जा रहा है। SIS एजेंसी अधिकारियों को भी बुलाया गया है।
बता दें कि आई के गुजराल PTU परिसर में काम करने वाले लगभग 500 से अधिक कर्मचारी जोकि टेक्निकल लिफ्ट में तथा अन्य कार्यों के लिए तैनात किए गए हैं उन्हें पिछले 2 महीने से पगार नहीं मिली है जिस कारण उनके परिवारों के लगभग 2000 सदस्य भूखे मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं। यह भी बताने योग्य है कि पीटीयू परिसर में कार्य करने वाले उक्त कर्मचारी एसआईएस एजेंसी द्वारा आउट सोर्स किए गए हैं जिनको पगार एसआईएस देती है।
वही पीटीयू में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मियों की समस्या के बारे में जब खबरनामा इंडिया ने PTU प्रबंधन से बात करनी चाहिए तो पीटीयू के रजिस्ट्रार का काम देख रहे एडीसी जालंधर जसप्रीत सिंह ने कहा कि वह SIS एजेंसी को कर्मचारियों की पूरी पगार दे चुके हैं। जबकि SIS जालंधर के प्रभारी नरोत्तम पांडे ने खबरनामा इंडिया से हुई वार्ता में यह भी बताया कि PTU प्रबंधन ने कर्मचारियों की अक्टूबर माह से पगार नहीं दी है।
ऐसे हालातों में अगर पीटीयू प्रबंधन की बात सच मानी जाए तो प्रबंधन द्वारा पैसा अदा करने के बाद भी SIS एजेंसी कर्मियों की पगार क्यों नहीं दे रही है। लेकिन अगर SIS की बात सच मानी जाए तो प्रबंधन ने पैसा आधा क्यों नहीं किया है। इन सवालों में कुल मिलाकर पीस रहा है, आउटसोर्स का कर्मचारी और उनके परिवार। जिन्हें पिछले 2 महीने से पगार न मिलने के चलते उनके परिवारों के लिए मुश्किल बन चुकी है।











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