साइंस सिटी में ऑल ब्रीड ओपन डॉग शो ....... 40 प्रजातियों के 300 डॉग हुए शामिल .. ??
- साइंस सिटी में कुत्तों के जीन पूल व घरेलू जैविक विभिन्नता की जानकारी सबंधी एक प्रदर्शनी भी लगाई
- चोरियां, धमाके गैर कानूनी नशों समेत दूसरे अपराधों का पता लगाने में कुत्तों का अहम रोल होता है -- SSP
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
पुष्पा गुजराल साइंस सिटी कपूरथला की ओर से भारतीय कैनल क्लब की अगुवाई में पालतू जानवरों व इनके विकास की विज्ञान बारे जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 13वां व 14वां ऑल ब्रीड ओपन डॉग शो करवाया गया। इस डॉग शो के माध्यम से हमारे आसपास पाई जाती कुत्तों की नसलों को आसान ढंग से समझा जा सकता है।
इस मौके 40 प्रजातियों के 300 के लगभग कुत्तों (जर्मन शैफड, लैबरेडोर रिटव्हीलर, डाबरमैन पिनचर, अमेरिकन बुलडॉग, बॉक्सर, रोटव्हीलर ग्रेट डेन आदि) ने भाग लिया। इस मौके यूक्रेन से ओलगा के हिमलेविसकाया, कोलकाता से प्रदीप गोस व कोटकपुरा से डा.अंकित छिब्बर की टीम ने डॉग शो में शामिल हुए कुत्तो की खूबियों को परखने का कार्य करते हुए निर्णायक टीम की भूमिका निभाई।
इस डॉग शो में एसएसपी कपूरथला दयामा हरीश ओम प्रकाश मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी जिंदगी में इस पालतू जानवर का अहम स्थान है। डॉग शो असल में कुत्तों के खेल मुकाबले है। जिसमें हर कुत्ते की शुद्ध नसल का प्रदर्शन किया जाता है। जो सबंधित नसल के मापदंडों अनुसार होना चाहिए। हर कुत्ते की सबसे बढ़िया नसल के नमूने जीत व हार निर्धारित करते है। इन कुत्तों की मदद से चोरियां, धमाके गैर कानूनी नशों समेत दूसरे अपराधों का पता लगाया जाता है।
साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने कहा कि पालतू जानवरों व पौधों का मानव सभ्यता व सभ्याचार में महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व कैनन क्लब की ओर से कुत्तों की 339 शुद्ध प्रजातियों की पहचान की गई है। जिन्हें 10 ग्रुपों में बांटा गया है। कुत्ते पालतू जानवरों में से सबसे अहम है। क्योंकि इनकी बहुत सी नसलें हमारे साथ खेलने, काम करने, शिकार करने व खिलौनों के तौर पर प्रयोग की जाती है। इस दौरान साइंस सिटी में कुत्तों के जीन पूल व घरेलू जैविक विभिन्नता की जानकारी सबंधी एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
साइंस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर ने कहा कि धरती पर पाए जाने वाले दूसरे जानवरों से कुत्ते हमारे सबसे नजदीक है। सदियों से ही हमारे समाज में इसकी अहम भूमिका रही है। यह जानवर हमारा सलाहकार, साथी, खेलों व कामकाज में सहयोगी होने के साथ-साथ हमारे लिए अध्यापक के रुप में भी काम करता है। उन्होंने कहा कि कुछ खास कार्यों व उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कुत्तों का पालन पोषण किया जाता है।











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