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जहरीली शराब.... पंजाब में जहरीली शराब से मरने वालो की संख्या हुई 62, तीसरे दिन तरनतारन में 12 और अमृतसर में 1 की मौत

- तरनतारन में 42, अमृतसर जिले में 12 और बटाला में 8 लोगों की अभी तक हुई मौत , अब तक कुल 10 लोगों को किया गिरफ्तार 

- बॉर्डर एरिया में धतूरे और यूरिया से बनती थी शराब जहरीली शराब - सूत्र 

खबरनामा इंडिया ब्यूरो। पंजाब 


पंजाब के बॉर्डर एरिया क्षेत्र में जहरीली शराब से मरने वालो की संख्या आज तीसरे दिन 62 पर पहुँच गई है। इस शराब से शनिवार को फिर 13 लोगों की मौत होने का समाचार है। जिसमे से 12 तरनतारन में और 1 अमृतसरमें मौत हुई है। जिसके बाद अब तक मारने वालो में तरनतारन में 42, अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 8 लोग है। सूत्रों अनुसार तरनतारन में सबसे ज्यादा लोगों की जान लेने वाली शराब गांव पंडोरी गोला में तैयार की गई थी जो गांव अवैध शराब की तस्करी के लिए भी बदनाम है। सूत्र यह भी बताते है कि इस गांव में शराब बनाने वाले इसमें न सिर्फ अल्कोहल की मात्रा को अधिक करते है बल्कि धतूरे और यूरिया का भी इस्तेमाल किया जाता है। 

वर्णन योग्य है कि गुरुवार को अमृतसर जिले के गांव मुच्छल में देसी शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई थी। फिर शुक्रवार को 4 लोगाें की जान गई, दूसरी तरफ तरनतारन में 15 तो गुरदासपुर के बटाला में भी 8 लोगों की मौत हो गई। तीनों जिलों में अवैध शराब से मरने वालों का आंकड़ा तीसरे दिन बढ़ते हुए 62 हो गया। जिसमे तरनतारन में 42 , अमृतसर में 12 ोे बतला में 8 लोग इस जहरीली शराब से मर चुके है। 

प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब की बिक्री और जहरीली शराब से हुई इन मौतों से पंजाब की सियासत को फिर गर्मा दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को जालंधर के डिवीजनल कमिश्नर राज कमल चौधरी को न्यायिक जांच सौंप कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा बटाला और अमृतसर में एसआईटी भी गठित की गई है।


- 10 आरोपी को किया गया गिरफ्तार

बताने योग्य है कि अभी तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अमृतसर के तरसिका थाने के निलंबित एसएचओ विक्रम सिंह को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया था। उस पर शिकायत के बाद भी कार्रवाई न करने के आरोप हैं। वहीं, गांव मुच्छल की शराब बेचने वाली महिला बलविंदर कौर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 304 व एक्साइज एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। गांव पंडोरी गोला में भी 5 लोगों को हिरासत में लिया गया। बटाला में शराब तस्करी के तार गांव हरूवाल से जुड़े बताया जा रहा हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर पर्चा दर्ज कर हाथी गेट क्षेत्र की एक महिला और उसके दो बेटों को हिरासत में लिया है। 

सूत्रों की माने तो बॉर्डर एरिया के उक्त क्षेत्र अवैध देसी शराब के लिए बदनाम है। यहां कई बार छप्पड़ों में अवैध शराब मिलने के मामले सामने आये है। तरनतारन में जिस शराब से लोगों की जान गई, वह खडूर साहिब के गांव पंडोरी गोला में तैयार की गई थी। इसे अवैध तरीके से अन्य गांवों में बेचा गया। यह गांव अवैध शराब की तस्करी के लिए बदनाम है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने  यह स्वीकार भी किया है कि वह देसी शराब तैयार करने लिए ज्यादा मात्रा में अल्कोहल, धतूरा व यूरिया खाद का इस्तेमाल करते थे। 

अवैध जलीली शराब से मरने के मामले में ने जहां कैप्टन सरकार के आदेशों की पोल खोली है वहीं पुलिस की गांव की जा दीपक भी कई सवाल खड़े किए हैं। बुद्धिजीवियों की माने तो इस मामले में सबसे बड़ा सवाल 10 गांवों और दो शहरी क्षेत्रों में एक साथ हुई शराब की सप्लाई पर प्रश्न चिन्ह है। वही शराब में इस्तेमाल होने वाला अल्कोहल इन अवैध शराब कारोबारियों को कहां से सप्लाई होता है यह भी एक बड़ा सवाल है। वही तरनतारन में पहले दिन तीन लोगों की मौत होने के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्ती क्यों नहीं दिखाई और शराब के लिए बदनाम एरिया में चल रही अवैध बच्चियों पर कार्यवाही को अंजाम क्यों नहीं दिया गया। यह भी एक सवाल है। 

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