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19 अक्टूबर 2018 को अमृतसर में हुए रेल हादसे की जांच रिपोर्ट में नगर निगम के चार अधिकारिओ को बनाया आरोपी

- धोबी घाट ग्राउंड में आयोजित दशहरा मेला देख रही भीड़ को रेल ने रौंद दिया था

- जाँच कमेटी पहले भी 6 पुलिस वालों और 7 नगर निगम कर्मचारियों को ठहरा चुकी है आरोपी

- डीएमयू रेल हादसे में 65 लोगों की मौत हुई थी और सेकड़ो जख्मी हुए थे 

 खबरनामा इंडिया ब्यूरो। अमृतसर,पंजाब

 

पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए रेल हादसे में रिटायर्ड जज अमरजीत सिंह कटारी ने अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेज रिपोर्ट में नगर निगम के चार अधिकारियों को आरोपी बताया है। रिपोर्ट में इन आरोपियों का कड़ी सजा दिए जाने की सिफारिश भी की गई है। वहीँ जस्टिस कटारी ने सभी आरोपियों से 15 दिन में अपना स्पष्टीकरण देने के लिए भी कहा है। अगर इस दौरान आरोपियों ने अपना जवाब सरकार को नहीं भेजा तो समझा जाएगा कि वह अपने बचाव में कुछ कहना नहीं चाहते है। इस रिपोर्ट में तत्कालीन सचिव शुशांत भाटिया, इंस्पेक्टर पुष्पिंदर सिंह व दो कर्मी इंस्पेक्टर केवल सिंह और गिरीश कुमार, जो रिटायर हो चुके है को आरोपी माना गया है। 

बता दे कि अमृतसर में 19 अक्टूबर 2018 को जोड़ा फाटक के पास स्थित धोबी घाट में आयोजित दशहरा उत्सव दौरान हजारों की भीड़ जुटी हुई थी। ग्राउंड में जगह कम होने की वजह से काफी भीड़ रेलवे ट्रैक पर भी खड़ी हो मेले का आनंद ले रही थी। लेकिन अचानक दशहरे की खुशी चीख-पुकार में बदल गई। क्योंकि एक डीएमयू ट्रेन मेला देख रही भीड़ को रौंदती हुई निकल गई। इस हादसे में 65 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं काफी सारे लोग जख्मी भी हुए थे।

इस दर्दनांक हादसे के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। वहीं रेलवे ने भी अपने स्तर पर घटना की जांच करवाई। जालंधर डिवीजन के तत्कालीन कमिश्नर बी पुरुषार्थ के नेतृत्व में बनी जांच कमेटी ने पहले जांच के बाद एक रिपोर्ट में 6 पुलिस वालों और अमृतसर नगर निगम के 7 अधिकारिओ को भी आरोपी बनाया था।  

जिसके बाद अब 3 जुलाई को इसी दर्दनांक हादसे के मामले में करीब 20 - 21 महीने बाद रिटायर्ड जज अमरजीत सिंह कटारी ने अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को भेज दी है। रिपोर्ट में नगर निगम के चार अधिकारियों को आरोपी बताया गया है। रिपोर्ट में इन आरोपियों को कड़ी सजा देने की सिफारिश भी की गई है। 

 वहीं जस्टिस कटारी ने इन सभी आरोपियों से 15 दिन में अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। अगर इस दौरान आरोपियों ने अपना जवाब सरकार को नहीं भेजा तो समझा जाएगा कि वह अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहते। इन सभी निगम अधिकारियों पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही से काम करने के आरोप हैं।

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