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मस्कट में फँसी पंजाब की लड़की ने सुनाई दर्दनाक दास्तान ...

- जबरन 12-12 घंटे करवाते थे काम, एक महीने तक सिर्फ़ पानी पीकर काटा जीवन   

- संत सीचेवाल के प्रयासों से हुई सुरक्षित हुई वतन वापसी  

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला    

घर की गरीबी दूर करने के सपने लेकर अपनी सहेली के कहने पर ओमान गई जालंधर ज़िले की एक युवती के लिए विदेश जाना उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दर्दनाक अनुभव बन गया। मस्कट (ओमान) से बड़ी मुश्किल से वापस लौटी इस पीड़िता ने कहा कि राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी की मदद से उसे दूसरा जन्म मिला है। 

पीड़िता ने बताया कि वह 15 जून को अमृतसर से मुंबई होते हुए मस्कट पहुँची थी। वहाँ पहुँचते ही उसे महसूस हो गया कि वह किसी जाल में फँस गई है। उसे एक दफ़्तर  पर रखा गया, जहाँ 10 से अधिक भारतीय लड़कियाँ और भी कैद में रह रही थीं। हर दिन उससे 12-12 घंटे तक लगातार काम करवाया जाता और ज़रा सी गलती पर बेरहमी से पिटाई की जाती। खाने के लिए ठीक से भोजन भी नहीं दिया जाता था। उसने बताया कि उसने एक महीने तक सिर्फ़ पानी पीकर ही दिन गुज़ारे थे। 

पाँच महीने की नरक जैसी ज़िंदगी बिताकर वापस लौटी पीड़िता ने ओमान में चल रहे मानव तस्करी के जाल का खुलासा किया। उसने बताया कि लड़कियों को पहले बड़े-बड़े सपने दिखाकर वहाँ बुलाया जाता है, लेकिन वीज़ा ख़त्म होते ही असली हक़ीक़त सामने आती है। एजेंट उन्हें ज़बरदस्ती गलत काम करने पर मजबूर करते हैं या फिर लाखों रुपये की माँग रखते हैं, या किसी और लड़की को बुलाने की शर्त रखते हैं। इसी तरह वह भी अपनी सहेली के ज़रिए इस जाल में फँस गई थी। 

उसने बताया कि जो लड़कियाँ गलत काम से इनकार करती थीं, उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता था। कई बार तो उन्हें आधी मरी हालत में छोड़ दिया जाता था। “उन्हें किसी पर भी तरस नहीं आता था, वे गरीब लड़कियों की मजबूरी का नाजायज़ फायदा उठाते थे,” पीड़िता ने कहा। उसका पासपोर्ट और मोबाइल वहाँ पहुँचते ही छीन लिया गया था। उसकी माँ ने जब यह बात संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी तक पहुँचाई, तो उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर पूरा मामला वहाँ तक पहुँचाया। उनके प्रयासों और विदेश मंत्रालय व ओमान स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से यह युवती आखिरकार सुरक्षित रूप से भारत वापस लौट सकी। 

संत सीचेवाल ने इस अवसर पर अपील की कि जो भी युवा अरब देशों या अन्य विदेशों में काम के लिए जा रहे हैं, वे पहले अपने वीज़ा की जाँच ज़रूर करें कि वह वर्क वीज़ा है या टूरिस्ट वीज़ा। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर ट्रैवल एजेंट टूरिस्ट वीज़ा पर लड़कियों को ले जाते हैं और वहाँ जाकर उनका शोषण किया जाता है। 

- कंबोडिया में भारतीय युवाओं से कराए जा रहे हैं गैरकानूनी काम ....

राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से हाल ही में कंबोडिया से वापस लौटे जालंधर के एक युवक ने बड़ा खुलासा किया कि वहाँ भारतीयों से साइबर अपराध से जुड़े गैरकानूनी काम करवाए जा रहे हैं। एजेंट थाईलैंड में ऊँची तनख्वाह वाले काम का लालच देकर भारतीय युवाओं को कंबोडिया की कंपनियों में बेच देते हैं। जो इनकार करते हैं, उन्हें बुरी तरह पीटा जाता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी संत सीचेवाल जी के प्रयासों से म्यांमार से चार युवाओं की सुरक्षित वापसी करवाई जा चुकी है, जो इसी तरह के मानव तस्करी गिरोहों के जाल में फँसे हुए थे। 

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