नुक्कड़ मीटिंग के माध्यम से पराली प्रबंधन बारे किया जा रहा जागरूक -- डॉ. भरोत
- जिले में पराली को आग लगाने की घटनाएं हुई कम
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में चल रही किसान कल्याण योजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. HPS भरोत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें सभी ब्लॉक कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी और कृषि विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को विभिन्न माध्यमों जैसे सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के जरिए गांव स्तर और क्षेत्रों में लोगों, विशेष रूप से युवा किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के प्रति फैलाने के लिए नुक्कड़ मीटिंग करवाई जा रही हैं।
इन मीटिंगों का मुख्य उद्देश्य किसानों और स्थानीय लोगों को पराली के सही प्रबंधन के बारे में जानकारी देना और पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्हें प्रेरित करना है।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. भरोत ने बताया कि वर्ष 2024-25 के दौरान जिला कपूरथला में पराली को आग लगाने की 691 घटनाएं कम दर्ज की गईं, जो वर्ष 2003 की मुक़ाबले में 67 प्रतिशत कम थीं। उन्होंने कहा कि इस साल धान के सीजन के दौरान आग की घटनाओं को शून्य करने के लिए प्रदूषण बोर्ड, कृषि विभाग और जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत कृषि विभाग के फील्ड स्टाफ द्वारा हर सप्ताह दो दिन गांवों में नुक्कड़ मीटिंग करवा कर किसानों को खेतों में धान की पराली प्रबंधन के लाभों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब तक जिले के विभिन्न गांवों में जाकर फील्ड स्टाफ द्वारा 39 नुक्कड़ मीटिंग की गई हैं और किसानों को आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में पिछले सीजन के दौरान जिन गांवों में आग लगाने के अधिक मामले सामने आए थे, उन हॉटस्पॉट गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है और एक एक्शन प्लान भी तैयार की गई है, जिसके तहत धान की फसल के तहत रकबा कम करके अन्य फसलों जैसे बासमती, गन्ना, सावनी मक्का, दालें और अन्य फसलों के तहत लाया जाएगा ताकि फसलीय विविधता को बढ़ावा दिया जा सके।
इस अवसर पर कृषि अधिकारी डॉ. विशाल केशल, डॉ. बलकार सिंह, डॉ. परमजीत सिंह महे, डॉ. सतनाम सिंह, कृषि विस्तार अधिकारी डॉ. गुरजोत सिंह, डॉ. जसपाल सिंह और हरीश सिंह उपस्थित थे।
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